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पांडुनगर कारोबारी श्याम सुंदर शर्मा मेट्रिमोनियल साइट के जरिये साइबर ठगों के शिकार बन गए। बेटी की कुंडली में “मांगलिक दोष” बताकर अनुष्ठान और विशेष पूजा के नाम पर ठगों ने उनसे 5.48 लाख रुपये वसूल लिए। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Kanpur: ऑनलाइन मेट्रिमोनियल साइट के जरिये लोगों को ठगने का एक नया मामला सामने आया है। पांडुनगर निवासी कारोबारी श्याम सुंदर शर्मा अपनी बेटी के लिए उपयुक्त वर की तलाश में एक प्रतिष्ठित मेट्रिमोनियल वेबसाइट पर प्रोफाइल बना रहे थे। उन्हें वहां एक प्रोफाइल दिखी, जिसमें खुद को सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त बताने वाले संतोष राय और उनके डॉक्टर बेटे रोनित राय का बायोडाटा था। प्रोफाइल में परिवार शिक्षित, प्रतिष्ठित और धार्मिक बताया गया था।
प्रोफाइल देखने के कुछ ही दिनों बाद कारोबारी को व्हाट्सएप पर “संतोष राय” नामक व्यक्ति का मैसेज आया। उसने खुद को “सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त” बताते हुए बातचीत शुरू की और बताया कि उसका बेटा डॉक्टर है और बेंगलुरु में अस्पताल चला रहा है। कुछ औपचारिक बातचीत के बाद उसने बताया कि शादी से पहले उनकी बेटी की कुंडली मिलाई गई, जिसमें “मांगलिक दोष” निकल आया है। उसने कहा कि इस दोष को दूर करने के लिए एक विशेष अनुष्ठान कराना पड़ेगा।
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संतोष राय ने कारोबारी से कहा कि इस अनुष्ठान में कई पंडित शामिल होंगे और इसकी लागत करीब एक लाख रुपये आएगी। श्याम सुंदर शर्मा ने अपनी बेटी के भविष्य की चिंता में यह रकम 16 मई 2024 को बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दी। इसके बाद ठगों ने कहा कि पूजा के लिए एक सोने की माला की आवश्यकता है, जिसकी कीमत 2.04 लाख होगी। भोले-भाले कारोबारी ने यह रकम भी 22 मई को ट्रांसफर कर दी।
कुछ दिन बाद ठगों ने फिर संपर्क किया और कहा कि उनके बेंगलुरु स्थित अस्पताल की मशीनरी पर इनकम टैक्स की कार्रवाई हो गई है और खाते सील कर दिए गए हैं। उन्होंने भरोसे का हवाला देते हुए कारोबारी से 2.20 लाख की और मांग की। व्यापारी ने यह रकम भी बिना किसी शक के ट्रांसफर कर दी। इस तरह, अब तक कुल 5.24 लाख रुपये ठग लिए गए थे। कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर 50,000 की मांग की, लेकिन व्यापारी ने केवल 24,000 ही पत्नी के खाते से ट्रांसफर किए।
जब ठगों ने दोबारा 1 लाख की मांग की तो कारोबारी को शक हुआ। उन्होंने संतोष राय से कुछ सवाल पूछे जैसे अस्पताल का पता, रजिस्ट्रेशन नंबर और पंडितों की जानकारी। इस पर ठगों ने बहाने बनाना शुरू कर दिया और फिर अचानक मोबाइल फोन बंद कर लिया। श्याम सुंदर शर्मा ने तब समझा कि वे एक साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं। उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम शाखा में शिकायत दर्ज कराई।
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साइबर क्राइम इंस्पेक्टर सतीश यादव ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और ठगों द्वारा इस्तेमाल किए गए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का विवरण जुटाया जा रहा है। पुलिस को शक है कि यह गिरोह न सिर्फ पांडुनगर बल्कि अन्य शहरों के लोगों को भी इसी तरह मेट्रिमोनियल वेबसाइटों के माध्यम से निशाना बना रहा है। इंस्पेक्टर यादव ने बताया, “हमने संबंधित बैंक और मोबाइल सर्विस प्रोवाइडरों से डिटेल मांगी है। जल्द ही ठगों तक पहुंचने की उम्मीद है।”
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, मेट्रिमोनियल साइटों पर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे ठग खुद को डॉक्टर, इंजीनियर, एनआरआई या उच्च पदस्थ अधिकारी बताकर भरोसा जीतते हैं और फिर किसी न किसी बहाने से पैसों की मांग करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शादी जैसे संवेदनशील मामलों में लोग अक्सर भावनाओं में बहकर तथ्य जांचे बिना पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। इस मामले में भी ठगों ने धार्मिक और ज्योतिषीय भावनाओं का फायदा उठाकर एक शिक्षित परिवार को निशाना बनाया।
साइबर क्राइम सेल ने लोगों से अपील की है कि किसी भी ऑनलाइन रिश्ते या अनुष्ठान के नाम पर पैसे न भेजें। यदि कोई व्यक्ति खुद को सरकारी अधिकारी बताता है, तो उसकी पहचान सरकारी वेबसाइट या लिंक्डइन जैसे सत्यापित प्लेटफॉर्म से जांचें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना 1930 (राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर) पर दें।