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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस में बम होने की सूचना पर अलीगढ़ स्टेशन पर हड़कंप मच गया। आरपीएफ-जीआरपी ने संदिग्ध यात्री को पकड़कर बैग की जांच की, जिसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। फिलहाल उससे पूछताछ और उसके इतिहास की जांच जारी है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस में बम से हड़कंप
Aligarh: दिल्ली से बिहार जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस (12560/12562) में शुक्रवार देर रात उस समय हड़कंप मच गया जब जनरल कोच में यात्रा कर रहे एक यात्री के पास बम होने की सूचना रेलवे के कंट्रोल रूम तक पहुंची। सूचना मिलते ही आरपीएफ व जीआरपी समेत कई एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गईं। अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचते ही संभावित कोच की घेराबंदी की गई और संदिग्ध हुलिए वाले व्यक्ति को सामान समेत उतार लिया गया।
आरपीएफ के सहायक आयुक्त गुलजार सिंह ने बताया कि 15 नवंबर की रात लगभग 11:05 बजे प्रयागराज डिवीजन कंट्रोल से आरपीएफ को एक तस्वीर के साथ अलर्ट भेजा गया। सूचना में कहा गया था कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस के फ्रंट साइड जनरल कोच में एक यात्री के पास बम जैसी वस्तु होने की आशंका है।
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ट्रेन जैसे ही प्लेटफॉर्म संख्या 3 पर पहुंची, संयुक्त टीम ने तेजी से कोच की तलाशी शुरू की। कंट्रोल रूम द्वारा भेजे गए संकेतों के आधार पर संदिग्ध व्यक्ति को ट्रेन के इंजन से दूसरे जनरल कोच की सीट संख्या 247503/C पर बैठा पाया गया। टीम ने बिना किसी अफरा-तफरी के उसे उसके बैग सहित ट्रेन से उतार लिया ताकि यात्रियों में घबराहट न फैले।
संदिग्ध यात्री ने अपना नाम 35 वर्षीय सुशील सैनी, पुत्र राजकुमार सैनी, निवासी ग्राम बिचखाना, थाना अरेर, जिला मधुबनी (बिहार) बताया। उसने बताया कि वह फरीदाबाद की डबुआ फल मंडी में दुकान नंबर 62 पर काम करता है और गांव से अपने माता-पिता को लाने जा रहा था।
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हालांकि बम संबंधी सूचना गलत निकली, फिर भी पुलिस इस मामले को हल्के में नहीं ले रही है। आरपीएफ सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध सूचना किसने और कैसे दी, उसका स्रोत पता लगाया जा रहा है। साथ ही सुशील सैनी के आपराधिक इतिहास की भी गहराई से जांच की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह किसी संदिग्ध गतिविधि से जुड़ा हुआ व्यक्ति न हो।