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आगरा में ट्रेडिंग के नाम पर 18 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। अहमदाबाद निवासी आरोपी की जमानत याचिका जिला न्यायालय ने खारिज कर दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Agra: आगरा में ट्रेडिंग के नाम पर 18 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में आरोपी को अदालत से कोई राहत नहीं मिली। अहमदाबाद के ग्रीन पार्क सोसाइटी निवासी अमित जयंतीलाल पीठादिया द्वारा जिला न्यायालय में दायर जमानत प्रार्थना पत्र को जिला जज संजय कुमार मलिक ने खारिज कर दिया। अदालत ने प्रथम दृष्टया आरोपों को गंभीर मानते हुए आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया।
आरोपी अमित जयंतीलाल पीठादिया ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिला न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी। याचिका में यह दलील दी गई थी कि आरोपी को मामले में झूठा फंसाया गया है और उसका सीधे तौर पर लेन-देन से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, अभियोजन पक्ष ने ठगी की पूरी साजिश और डिजिटल साक्ष्यों का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया।
यह पूरा मामला थाना साइबर क्राइम, आगरा में दर्ज किया गया है। केस भारतीय स्टेट बैंक की एसएन मेडिकल कॉलेज शाखा में तैनात रिलेशनशिप मैनेजर विनय शर्मा की तहरीर पर दर्ज हुआ था। विनय शर्मा ने पुलिस को बताया कि उन्हें ट्रेडिंग के नाम पर एक सुनियोजित साइबर ठगी का शिकार बनाया गया।
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पीड़ित विनय शर्मा के अनुसार, उनके व्हाट्सएप नंबर पर विनय बजाज नामक व्यक्ति का एक मैसेज आया। मैसेज में ट्रेडिंग के जरिए मोटा मुनाफा कमाने का दावा किया गया था। शुरुआत में बातचीत के दौरान आरोपी ने भरोसा दिलाया कि यह एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश है।
ट्रेडिंग की सहमति देने के बाद विनय शर्मा की बातचीत रमा लक्ष्मी नाम की एक युवती से कराई गई। रमा लक्ष्मी ने उन्हें एक तथाकथित “एआई एक्सचेंज ग्रुप” में जोड़ दिया। इस ग्रुप में कई लोग अपने फायदे और नुकसान की बातें साझा कर रहे थे, जिससे यह पूरी प्रक्रिया असली निवेश जैसी प्रतीत हो रही थी।
रमा लक्ष्मी ने विनय शर्मा को अपने सभी शेयर बेचने की सलाह दी और एक लिंक शेयर किया। इस लिंक के माध्यम से निवेश करने को कहा गया। झांसे में आकर विनय शर्मा ने 19 सितंबर 2024 को एक लाख रुपये और 26 सितंबर 2024 को 1.70 लाख रुपये निवेश किए।
शुरुआती निवेश के बाद जब विनय शर्मा ने अपने खाते से रुपये निकालने की कोशिश की तो कोई भी राशि नहीं निकली। जब उन्होंने इस संबंध में सवाल किया तो रमा लक्ष्मी ने बताया कि फिलहाल एक आईपीओ आया है, जिसमें निवेश करने पर अच्छा मुनाफा मिलेगा। इस झांसे में आकर विनय शर्मा ने अलग-अलग किश्तों में कुल 18 लाख रुपये जमा कर दिए।
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इतनी बड़ी रकम जमा करने के बावजूद जब रुपये नहीं निकले तो ठगों ने उनसे 52 लाख रुपये और निवेश करने की मांग की। जब विनय शर्मा ने इतनी बड़ी रकम देने से इनकार किया तो उन्हें एआई एक्सचेंज ग्रुप से हटा दिया गया। इसके बाद उन्हें यह स्पष्ट हो गया कि उनके साथ ठगी हो चुकी है।
ग्रुप से हटाए जाने और संपर्क टूटने के बाद विनय शर्मा ने थाना साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और डिजिटल लेन-देन, चैट और लिंक के आधार पर आरोपी तक पहुंच बनाई।