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छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षाबलों ने एक बड़े ऑपरेशन में टॉप नक्सली नेता और सीसी सदस्य माडवी हिड़मा सहित छह नक्सलियों को न्यूट्रलाइज किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई की ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि हिड़मा का अंत बस्तर में स्थायी शांति की दिशा में निर्णायक मोड़ है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Img: Google)
Raipur: छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षाबलों द्वारा संचालित ऑपरेशन ने नक्सल मोर्चे पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। इस संयुक्त अभियान में टॉप नक्सली लीडर, सीसी सदस्य और वर्षों से बस्तर में दहशत का पर्याय बने मांडवी हिड़मा सहित छह नक्सलियों को न्यूट्रलाइज कर दिया गया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस को सलाम करते मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह घटना नक्सलवाद के विरुद्ध संघर्ष में निर्णायक उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षाबलों के सफल ऑपरेशन में शीर्ष नक्सली लीडर और सीसी मेम्बर माडवी हिड़मा सहित छह नक्सलियों का न्यूट्रलाइज होना नक्सलवाद के विरुद्ध हमारी लड़ाई में एक निर्णायक उपलब्धि है। हिडमा वर्षों से बस्तर में रक्तपात, हिंसा और दहशत का चेहरा था। उसका अंत न सिर्फ एक ऑपरेशन की उपलब्धि है, बल्कि लाल आतंक पर गहरी चोट है, साथ ही यह क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की हमारी प्रतिबद्धता को और सशक्त करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते महीनों में सैकड़ों नक्सलियों का आत्मसमर्पण, टॉप कैडर की गिरफ्तारियां और लगातार सफल ऑपरेशन्स बताते हैं कि नक्सलवाद अब अंतिम सांसें ले रहा है।
बस्तर की धरती ने आज इतिहास रचा है। हमारे सुरक्षाबलों ने मांडवी हिड़मा सहित 6 नक्सलियों को न्यूट्रलाइज कर, लाल आतंक पर निर्णायक प्रहार किया है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में हम बस्तर में शांति, सुरक्षा और विकास का नया युग… pic.twitter.com/0zV3uATjJ6
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) November 19, 2025
मारेडुमिली इलाके में करीब एक घंटे तक चली फायरिंग के बाद छह माओवादी मारे जाने की पुष्टि हुई है। इनमें से एक शीर्ष माओवादी नेता होने की सूचना है, जिसकी पहचान बाद में हिडमा के रूप में सामने आई। यही नहीं, उसका करीबी और डीकेएसजीसी (DKSGC) मेंबर माओवादी शंकर भी मार गिराया गया। सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और नक्सली सामग्री बरामद की है। जंगल में अभी भी कई माओवादी छिपे होने की आशंका के चलते कंबिंग ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
हिड़मा को नक्सली संगठन का सबसे खूनी और खतरनाक चेहरा माना जाता था। वह बस्तर क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) के प्लाटून नंबर 1 का प्रभारी था और कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। उस पर सुरक्षा बलों, नेताओं और नागरिकों पर हमलों समेत कई बड़े मामलों में इनाम घोषित था। माना जाता है कि हिडमा के आतंक के कारण कई वर्षों से सुरक्षा बलों को इस इलाके के भीतर गहराई से अभियान चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।