

1 अगस्त को भारतीय शेयर बाजार में ग्लोबल दबाव और अमेरिकी टैरिफ के चलते गिरावट देखने को मिला। सेंसेक्स 260 अंक टूटा और निफ्टी 24,700 के नीचे आया। फार्मा, आईटी और मेटल सेक्टर में भारी बिकवाली देखी गई।
शेयर बाजार दबाव में (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: आज शुक्रवार 1 अगस्त को भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से नए टैरिफ लागू किए जाने और फार्मा कंपनियों को भेजी गई चेतावनी के बाद बाजार में गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 260 अंकों की गिरावट देखी गई, जबकि निफ्टी 24,700 के नीचे फिसल गया।
फार्मा सेक्टर पर ट्रंप प्रशासन की दवा की कीमतों में कटौती की अपील का सीधा असर पड़ा। नतीजतन, निफ्टी फार्मा इंडेक्स में करीब 2% की गिरावट देखी गई। डिवीज लैब, ऑरोबिंदो फार्मा और सन फार्मा के शेयरों में 3% से 5% तक की गिरावट आई। आईटी और ऑयल एंड गैस कंपनियों के शेयरों पर भी दबाव बना रहा।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
जहां एक ओर HUL, Tata Consumer, Hero MotoCorp, Asian Paints और Maruti जैसे शेयर निफ्टी के टॉप गेनर रहे, वहीं Dr Reddy's, ONGC, Cipla, Tata Steel और JSW Steel टॉप लूजर्स में शामिल हुए। आयशर मोटर्स ने शानदार नतीजों के दम पर 5% की बढ़त के साथ गियर बदला और टॉप गेनर बना।
शांति गोल्ड इंटरनेशनल ने आज घरेलू शेयर बाजार में 15% प्रीमियम के साथ एंट्री की। ₹199 के इश्यू प्राइस पर जारी हुए शेयर BSE पर ₹229.10 और NSE पर ₹227.55 पर लिस्ट हुए। हालांकि शुरुआती बढ़त के बाद शेयर दबाव में आ गया और गिरावट दर्ज की गई।
बाजार की गिरावट के बीच राहत भरी खबर यह रही कि भारत का मैन्युफैक्चरिंग PMI जुलाई में बढ़कर 59.1 पर पहुंच गया, जो पिछले 16 महीनों का उच्चतम स्तर है। यह संकेत देता है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है, जो आने वाले समय में बाजार को सपोर्ट दे सकती है।
SYMPHONY का Q1 प्रदर्शन निराशाजनक रहा। कंपनी का मुनाफा 88 करोड़ रुपये से घटकर 42 करोड़ रुपये पर आ गया। कुल आय और EBITDA में भी भारी गिरावट देखी गई, जिससे स्टॉक पर दबाव बना रहा।
ट्रंप टैरिफ और ग्लोबल अनिश्चितता के बीच भारतीय शेयर बाजार दबाव में है, लेकिन मजबूत घरेलू डेटा और कंपनियों के अच्छे परिणाम आगे बाजार को सहारा दे सकते हैं। निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।