Stock Market: शेयर बाजार के लिए मॉक ट्रेडिंग सत्र, ब्रोकर और यूजर्स के लिए प्रशिक्षण का मौका

आज शनिवार को जबकि शेयर बाजार बंद रहता है, BSE और NSE ने मॉक ट्रेडिंग सत्र का आयोजन किया है। यह सत्र विभिन्न क्षेत्रों जैसे इक्विटी, डेरिवेटिव्स और करेंसी डेरिवेटिव्स में आयोजित हो रहा है, ताकि ट्रेडिंग प्रणालियों का परीक्षण किया जा सके।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 6 September 2025, 9:36 AM IST
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Mumbai: आज शनिवार को भारतीय शेयर बाजार बंद रहते हुए, BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange) ने 6 सितंबर को मॉक ट्रेडिंग सत्र का आयोजन किया है। यह सत्र ट्रेडिंग प्रणालियों का परीक्षण करने और आपातकालीन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। मॉक ट्रेडिंग को विशेष रूप से ब्रोकरों और उपयोगकर्ताओं के लिए एक प्रशिक्षण अवसर के रूप में देखा जाता है, ताकि वे किसी भी प्रकार के नए ट्रेडिंग सिस्टम और तकनीकी बदलावों से परिचित हो सकें।

मॉक ट्रेडिंग सत्र का महत्व

मॉक ट्रेडिंग सत्र का आयोजन विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिनमें प्रमुख रूप से ट्रेडिंग प्रणालियों और बुनियादी ढांचे का परीक्षण शामिल है। इससे ब्रोकरों और उपयोगकर्ताओं को बिना किसी वित्तीय जोखिम के नए तकनीकी परिवर्तनों को समझने और उनका अभ्यास करने का मौका मिलता है। इसके अलावा, मॉक ट्रेडिंग सत्रों के दौरान विभिन्न आपातकालीन प्रक्रियाओं का अभ्यास भी किया जाता है, जैसे कॉल नीलामी सत्र, ट्रेडिंग हॉल्ट, ब्लॉक डील और जोखिम-घटाने की विधि। BSE ने एक बयान में कहा, "तीसरे पक्ष के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले ट्रेडिंग सदस्य भी इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं और असाधारण बाजार स्थितियों के लिए अपने संबंधित ट्रेडिंग एप्लिकेशन का परीक्षण कर सकते हैं।"

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मॉक ट्रेडिंग सत्र की शेड्यूलिंग और गतिविधियां

BSE ने मॉक ट्रेडिंग सत्र का पूरा शेड्यूल जारी किया है, जिसमें इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेडिंग की प्रक्रियाएं शामिल हैं। मॉक ट्रेडिंग सत्र के तहत विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं, जैसे लॉग-इन अवधि, प्री-ओपन ऑर्डर एंट्री, ट्रेडिंग मैचिंग और विशेष प्री-ओपन सत्र। यह सत्र 10:15 AM से 3:30 PM तक चलेगा, जिसमें विभिन्न प्रकार के ब्लॉक डील्स, कॉल नीलामी, और ट्रेडिंग हॉल्ट का परीक्षण किया जाएगा।

शेयर बाजार के लिए मॉक ट्रेडिंग सत्र

मॉक ट्रेडिंग से जुड़ी विशेषताएं

BSE और NSE के मॉक ट्रेडिंग सत्र में विभिन्न प्रकार के ऑप्शंस होते हैं, जिनमें इक्विटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स, और कमोडिटी डेरिवेटिव्स शामिल हैं। इन सत्रों में ब्रोकर और ट्रेडर्स के लिए ट्रेडिंग प्रोटोकॉल और सिस्टम में आने वाली चुनौतियों को पहचानने का मौका मिलता है। इसके अलावा, यह सत्र नए सिस्टम अपडेट और तकनीकी बदलावों को लागू करने से पहले उनका परीक्षण करने का एक उत्तम तरीका है। BSE ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मॉक ट्रेडिंग सत्र से कोई वित्तीय लेन-देन नहीं होगा, यानी इसमें किए गए सभी ट्रेड केवल परीक्षण और जानकारी के उद्देश्यों के लिए हैं।

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नए ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर और अपग्रेड की जानकारी

BSE ने मॉक ट्रेडिंग के साथ-साथ एक नया ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर अपडेट भी जारी किया है। एक्सचेंज ने "बोल्ट प्रो टीडब्ल्यूएस एडिशन 12.03" को जारी करने की घोषणा की है। यह नया सॉफ़्टवेयर और प्रणाली ब्रोकरों और ट्रेडर्स को उन्नत तकनीकी सुविधाएं प्रदान करेगा और ट्रेडिंग प्रक्रियाओं को और अधिक सुरक्षित बनाएगा।

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