Share Market: जीएसटी बैठक से पहले शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी फिसले नीचे

जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक से पहले भारतीय शेयर बाजार पर दबाव दिखा। सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में फिसले, रुपये की कमजोरी और अमेरिका टैरिफ से बढ़ी चिंता।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 3 September 2025, 10:44 AM IST
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New Delhi: घरेलू शेयर बाजार में बुधवार की सुबह उत्साह से शुरुआत हुई, लेकिन जल्द ही माहौल बदल गया। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती बढ़त के बाद करीब 100 अंक फिसल गया। इसी तरह एनएसई का निफ्टी 50 भी 24,600 के नीचे कारोबार करता दिखा। इससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।

एक दिन पहले सोमवार को बाजार ने तीन दिनों की लगातार गिरावट पर ब्रेक लगाया था। उस समय सेंसेक्स और निफ्टी दोनों हरे निशान में बंद हुए थे, जिससे उम्मीद जगी थी कि बाजार में स्थिरता लौट सकती है। लेकिन बुधवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक और अंतरराष्ट्रीय दबाव ने सेंटीमेंट बिगाड़ दिया।

सेक्टोरल परफॉर्मेंस

बाजार में मेटल और बैंकिंग सेक्टर में खरीदारी देखने को मिली। वहीं ऑटो और कंज्यूमर शेयरों ने भी हल्की बढ़त दर्ज की। इसके बावजूद आईटी और रियल्टी सेक्टर में बिकवाली इतनी भारी रही कि पूरे बाजार की तेजी सीमित हो गई। आईटी स्टॉक्स में कमजोरी का कारण वैश्विक स्तर पर टेक शेयरों में दबाव और डॉलर की मजबूती मानी जा रही है।

Stock market slipped before GST Council meeting (Img: Google)

जीएसटी काउंसिल बैठक से पहले फिसला शेयर बाजार (Img: Google)

जीएसटी बैठक से जुड़ी उम्मीदें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुरू हुई जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक निवेशकों के लिए अहम है। माना जा रहा है कि इसमें कर सुधारों को लेकर बड़े फैसले हो सकते हैं। 12% और 28% टैक्स स्लैब हटाकर केवल 5% और 18% की दर लागू करने का प्रस्ताव चर्चा में है। अगर ऐसा होता है तो उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है और ऑटो, एफएमसीजी और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के शेयरों पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।

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अंतरराष्ट्रीय दबाव

भारतीय शेयर बाजार पर बाहरी परिस्थितियों का भी असर पड़ा है। रुपये की कीमत लगातार कमजोर हो रही है, जिससे विदेशी निवेशकों का भरोसा डगमगाया है। वहीं, अमेरिका द्वारा भारत पर 50% तक का टैरिफ लगाने का फैसला भी बाजार के लिए चिंता का कारण बना है। इस टैरिफ में 25% का हिस्सा रूस से सस्ता तेल खरीदने को लेकर लगाया गया है। इससे ऊर्जा क्षेत्र और उससे जुड़े शेयरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।

फिलहाल उतार-चढ़ाव का दौर जारी

विशेषज्ञ मानते हैं कि बाजार में फिलहाल उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहेगा। निवेशकों की नजरें जीएसटी काउंसिल के फैसलों पर टिकी हैं।

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अगर टैक्स स्लैब में कटौती का ऐलान होता है तो इससे शॉर्ट टर्म में बाजार को राहत मिल सकती है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय दबाव और रुपये की कमजोरी जैसे मुद्दे अभी भी निवेशकों के लिए चुनौती बने रहेंगे।

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