

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक से पहले भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 155 अंक चढ़कर 80,520 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 भी 28 अंकों की बढ़त के साथ 24,653 पर पहुंच गया। निवेशकों की नजरें सरकार द्वारा जीएसटी सुधारों को लेकर लिए जाने वाले अहम फैसलों पर टिकी हैं।
सेंसेक्स-निफ्टी चढ़े (Img: Google)
New Delhi: जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक 3 सितंबर से शुरू हो रही है और उससे पहले मंगलवार को शेयर बाजार में मजबूती देखने को मिली। निवेशकों ने जीएसटी सुधारों और सरकार के नए प्रस्तावों को लेकर सकारात्मक रुख अपनाया है। इसी उम्मीद के बीच बीएसई सेंसेक्स 155 अंक चढ़कर 80,520 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 भी 28 अंक यानी 0.1 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करते हुए 24,653 पर कारोबार करता नजर आया।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में सबसे अधिक मुनाफा रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ। कंपनी के शेयरों में 1.4 प्रतिशत की तेजी आई और कीमत बढ़कर 1372 रुपये तक पहुंच गई। इसके अलावा ऑयल एंड गैस, एफएमसीजी और मीडिया सेक्टर में भी निवेशकों की दिलचस्पी देखने को मिली।
निफ्टी मीडिया इंडेक्स ने मंगलवार को सबसे ज्यादा बढ़त दर्ज की। इसमें 0.82 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली। वहीं निफ्टी ऑयल एंड गैस 0.34 प्रतिशत ऊपर रहा। निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स में भी 0.20 प्रतिशत की मामूली बढ़त दर्ज की गई। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी तेजी रही। निफ्टी मिडकैप 100 में 0.31 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.10 प्रतिशत का उछाल आया।
शेयर बाजार में तेजी (Img: Google)
बाजार की यह तेजी सीधे तौर पर आगामी जीएसटी काउंसिल बैठक से जुड़ी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 56वीं बैठक में सरकार कुछ अहम जीएसटी सुधारों को मंजूरी दे सकती है। इससे निवेशकों के सेंटीमेंट पर सकारात्मक असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बैठक से कारोबारियों और कंपनियों को राहत देने वाले फैसले सामने आते हैं, तो बाजार में और मजबूती देखने को मिल सकती है।
शेयर बाजार पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन का भी असर देखा गया। चीन के तियानजिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होने जा रही है। इस अंतरराष्ट्रीय बैठक से एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के बीच नए सहयोग की उम्मीदें बढ़ी हैं, जिससे निवेशकों ने जोखिम उठाने में दिलचस्पी दिखाई।
निवेशकों की रणनीति पर एनएसई कॉन्ट्रैक्ट की पहली वीकली एक्सपायरी और ऑप्शन मार्केट का भी असर पड़ा है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, सेंसेक्स विकल्पों की समाप्ति तिथि को गुरुवार तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है, जिससे अल्पकालिक निवेशकों के बीच हलचल बढ़ गई।
विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार की दिशा पूरी तरह से जीएसटी काउंसिल के फैसलों और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर निर्भर करेगी। अगर बैठक में सकारात्मक सुधारों पर मुहर लगती है, तो सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही नए रिकॉर्ड स्तर छू सकते हैं। हालांकि, वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां भी घरेलू शेयर बाजार को प्रभावित कर सकती हैं।
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यह खबर केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखी गई है। इसमें दी गई सूचनाएं शेयर बाजार, निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में न ली जाएं। निवेश से जुड़े सभी फैसले लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है।