घरेलू शेयर बाजार की चाल तय करेंगे GST रिफॉर्म्स: पुतिन-ट्रंप वार्ता और S&P की रेटिंग, इन अहम घटनाओं पर निवेशकों की नजरें

इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की दिशा कई अहम घटनाओं और नीतिगत घोषणाओं से प्रभावित होने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जीएसटी (GST) व्यवस्था में दिवाली तक बड़े सुधार की घोषणा, अमेरिका-रूस के बीच हुए पुतिन-ट्रंप शिखर सम्मेलन और अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी S&P द्वारा भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार, इन सभी घटनाओं का समग्र प्रभाव बाजार की चाल को तय करेगा।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 18 August 2025, 10:22 AM IST
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New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में संकेत दिया कि सरकार दिवाली से पहले माल एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में बड़े और संरचनात्मक सुधारों की घोषणा कर सकती है। इन सुधारों का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना और उपभोक्ताओं के लिए रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों को कम करना है। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा के अनुसार, "पीएम मोदी के संबोधन से निवेशकों में सकारात्मकता देखी जा रही है। अगर जीएसटी दरों में कटौती होती है, तो इसका सीधा असर बाजार की धारणा पर पड़ेगा और निवेशकों का भरोसा और मजबूत हो सकता है।"

वित्त विशेषज्ञों का मानना है कि GST 2.0 जैसे सुधार भारत की उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था को और अधिक गति देंगे। ईवाई इंडिया के कर विशेषज्ञ सौरभ अग्रवाल ने इसे "रणनीतिक और समय पर उठाया गया कदम" बताया, जो अर्थव्यवस्था में स्थिरता और निवेश दोनों को बढ़ावा देगा।

पुतिन-ट्रंप शिखर वार्ता

एक अन्य महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय घटना जो बाजार पर प्रभाव डाल सकती है, वह है अमेरिका और रूस के राष्ट्रपतियों डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई शिखर वार्ता। भले ही यह बैठक किसी ठोस समझौते पर नहीं पहुंची, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव कम होने और रूस पर नए प्रतिबंधों से बचने की संभावनाओं ने वैश्विक निवेशकों को राहत दी है। भारत ने इस वार्ता का स्वागत किया है और विशेषज्ञों का मानना है कि भू-राजनीतिक स्थिरता से भारतीय बाजार को सकारात्मक संकेत मिल सकते हैं।

S&P ने बढ़ाई भारत की क्रेडिट रेटिंग

18 वर्षों बाद अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी S&P ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर ‘BBB’ कर दिया है। एजेंसी ने इसके पीछे भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय अनुशासन, और मुद्रास्फीति नियंत्रण जैसे कारणों का हवाला दिया है। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार का कहना है, "यह कदम भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के रुझान को और बेहतर बना सकता है। भारत की बेहतर क्रेडिट रेटिंग देश की आर्थिक मजबूती का प्रमाण है।" क्रेडिट रेटिंग में सुधार का सीधा प्रभाव देश की उधारी लागत और विदेशी पूंजी प्रवाह पर पड़ता है, जिससे पूंजी बाजार को गति मिल सकती है।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक

अमेरिका में इस सप्ताह फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक के विवरण और आर्थिक आंकड़े जारी होने वाले हैं, जिनका असर वैश्विक स्तर पर बाजारों की दिशा तय कर सकता है। अगर अमेरिकी मुद्रास्फीति में गिरावट आती है या फेड दरों में कटौती के संकेत देता है, तो इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ेगा। साथ ही, डॉलर की चाल, कच्चे तेल की कीमतों, और वैश्विक जोखिम भावना को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

पिछले सप्ताह का प्रदर्शन

पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार ने मजबूती दिखाई। सेंसेक्स में 739.87 अंकों (0.92%) की तेजी दर्ज की गई, वहीं निफ्टी 268 अंक (1.10%) चढ़ा। इस तेजी के पीछे निवेशकों की बढ़ती उम्मीदें और नीतिगत स्थिरता की भावना को प्रमुख कारण माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि इस सप्ताह घोषित होने वाली सभी प्रमुख घटनाएं बाजार के पक्ष में जाती हैं, तो आने वाले समय में निफ्टी 20,000 और सेंसेक्स 68,000 का स्तर छू सकते हैं।

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  • New Delhi

Published : 
  • 18 August 2025, 10:22 AM IST