Bureaucracy: क्या सरकारी आवास नियमों का उल्लंघन बना IAS दुर्गा शक्ति के लिए महंगा? 1.63 करोड़ का नोटिस जारी

केंद्रीय कृषि संस्थान ने यूपी की आईएएस अधिकारी पर सरकारी बंगले में अनधिकृत रूप से रहने का आरोप लगाया। आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके पारिवारिक स्वास्थ्य कारणों से आवास बढ़ाया गया था।

Updated : 8 October 2025, 5:35 PM IST
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New Delhi: केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने यूपी कैडर की 2010 बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को सरकारी बंगले में अनधिकृत कब्जा करने के आरोप में भारी जुर्माना लगाया है। मई 2022 से फरवरी 2025 के बीच अपने आवास पर अनधिकृत रूप से रहने के लिए 1.63 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की गई है। हालांकि, नागपाल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उनका प्रवास व्यक्तिगत कारणों से बढ़ाया गया था और यह दंडात्मक आरोप काल्पनिक और अव्यावहारिक हैं।

बंगले का आवंटन और विवाद की शुरुआत

आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल को 19 मार्च 2015 को दिल्ली के पूसा परिसर में स्थित सरकारी बंगला बी-17 (टाइप VI-A) आवंटित किया गया था, जब वह तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की विशेष कार्य अधिकारी (OSD) थीं। बंगले का आधिकारिक कब्जा उन्होंने 16 अप्रैल 2015 को लिया और 6,600 रुपये मासिक किराए के साथ पानी के शुल्क का भुगतान भी करती रहीं।

हालांकि, मई 2019 में उनकी कृषि मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति समाप्त हो गई, फिर भी नागपाल ने वाणिज्य मंत्रालय में कार्य करते हुए और बाद में 2021 में उत्तर प्रदेश कैडर में लौटने के बावजूद बंगले में रहना जारी रखा। इस अवधि को लेकर विवाद शुरू हुआ और IARI ने उनका बंगला खाली कराने का प्रयास किया।

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आईएएस अधिकारी का पक्ष

नागपाल ने नोटिस का जवाब देते हुए बताया कि उनके प्रवास को व्यक्तिगत पारिवारिक स्वास्थ्य कारणों से बढ़ाया गया था। उनके पिता की बाईपास सर्जरी और माँ की घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के चलते वे बंगले को समय पर खाली नहीं कर पाईं। उन्होंने मंत्रालय से आवास विस्तार की अनुमति ली थी और किराया भी चुका दिया था।

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IAS दुर्गा शक्ति के नाम का नोटिस जारी

उन्होंने कहा, 'मैंने पूरी पारदर्शिता के साथ मंत्रालय से अनुमति ली थी और किराया भी दिया। बकाया लाइसेंस शुल्क ₹88,610 भी जमा कर दिया है। फिर भी, अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क जोड़े गए जो काल्पनिक और अनुचित हैं।' उन्होंने हर्जाने की माफी की अपील भी दोहराई है।

संस्थान का रुख और कानूनी कार्रवाई

IARI ने 2020 से ही दुर्गा शक्ति नागपाल को बंगला खाली करने के लिए कई बार नोटिस जारी किए। शुरू में 10 अक्टूबर 2020 तक रहने की अनुमति दी गई, लेकिन इसके बाद भी बंगला न खाली करने पर सार्वजनिक परिसर अधिनियम, 1971 के तहत कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

टेलीस्कोपिक पेनल्टी प्रणाली के तहत 2022 से किराया बाजार दर के अनुसार वसूला जाने लगा, जो महीने दर महीने बढ़ता गया। पहले महीने ₹92,000, दूसरे महीने ₹1,01,200 और तीसरे महीने ₹1,10,400 हो गया। आठवें महीने से यह लगभग ₹4.6 लाख प्रति माह तक पहुंच गया।

आखिरकार, IARI ने दिल्ली पुलिस की सहायता ली और फरवरी 2025 तक बंगला खाली करने के लिए अंतिम समय दिया। नागपाल ने 28 फरवरी 2025 को बंगला खाली कर दिया, जो उनके द्वारा घोषित तारीख से एक दिन पहले था।

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1.63 करोड़ रुपय का जुर्माना

2 मई 2025 को IARI ने औपचारिक नोटिस जारी कर मई 2022 से फरवरी 2025 तक के लिए ₹1,63,57,550 के जुर्माने की मांग की। इस अवधि को संस्थान ने 'अनधिकृत कब्जा' बताया क्योंकि तब नागपाल मंत्रालय के अधीन नहीं थीं और उन्हें बंगला रखने की औपचारिक मंजूरी नहीं मिली थी।

नागपाल का दावा है कि तत्कालीन कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उनके आवास विस्तार पर चर्चा की थी, लेकिन IARI ने कहा कि मंत्री कार्यालय से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है।

वर्तमान स्थिति और आगे का रास्ता

सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने नागपाल के छूट अनुरोध को 26 जून 2025 को केंद्रीय मंत्रालय को भेजा, लेकिन इस पर किसी प्रकार की सिफारिश या निर्णय नहीं दिया गया। इस मामले में कई आरटीआई दायर की गईं, जिन्होंने बंगले के लंबे समय तक कब्जे को लेकर सवाल उठाए। 2024 में संस्थान ने कई नोटिस जारी किए और पुलिस की मदद भी ली गई, जिससे यह मामला जनहित का विषय बन गया।

दुर्गा शक्ति नागपाल ने इस पूरे मामले को काल्पनिक और अनुचित बताया है और जुर्माने को चुनौती देने के लिए छूट की अपील की है। उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि यह मामला उचित तरीके से निपट जाएगा।' हालांकि यह मामला आईएएस अधिकारियों के सरकारी आवास नियमों के पालन और प्रवर्तन पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 8 October 2025, 5:35 PM IST