

विद्युत क्षेत्र में सुधार के लिए जाने जाने वाले एच. राजेश प्रसाद अब चंडीगढ़ के मुख्य सचिव बन गए हैं। उनकी नेतृत्व शैली तकनीक-आधारित और जनता-केंद्रित प्रशासन को प्रोत्साहित करेगी।विद्युत और शहरी विकास में उनके अनुभव से शहर के विकास को बल मिलेगा।
आईएएस एच. राजेश प्रसाद
Chandigarh: केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासनिक नेतृत्व में बड़ा बदलाव हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एच. राजेश प्रसाद (आईएएस: 1995 बैच, एजीएमयूटी कैडर) को चंडीगढ़ का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। वे मंदीप सिंह बराड़ की जगह लेंगे, जिन्होंने इस पद का अंतरिम प्रभार संभाला था। यह नियुक्ति 30 सितंबर 2025 से प्रभावी है और प्रशासनिक स्थिरता व सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
एच. राजेश प्रसाद कर्नाटक के निवासी हैं, जिनका जन्म 1 जून 1967 को हुआ। वे बी.कॉम, एलएलबी के साथ वित्त और लोक प्रबंधन में दोहरी एमबीए की डिग्री धारक हैं। उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान बैंगलोर और पांडिचेरी विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की है। 1995 बैच के एजीएमयूटी कैडर के अधिकारी प्रसाद जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश समेत कई महत्वपूर्ण केंद्र शासित प्रदेशों व राज्यों में प्रशासनिक भूमिकाओं में सक्रिय रहे हैं।
प्रसाद ने अपने कार्यकाल में जिला कलेक्टर के रूप में दक्षिणी दिल्ली व अरुणाचल प्रदेश में प्रशासनिक अनुभव अर्जित किया। इसके बाद वे दिल्ली सरकार में व्यापार, कर, शहरी विकास और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव रहे। सितंबर 2022 से वे जम्मू-कश्मीर के विद्युत विकास विभाग के प्रधान सचिव के रूप में तैनात थे, जहां उन्होंने बिजली क्षेत्र में कई अहम सुधार किए।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
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जम्मू-कश्मीर में प्रसाद ने विद्युत क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए। उन्होंने कठोर कटौती कार्यक्रम और ग्रिड अनुशासन लागू किया, जिससे बिजली आपूर्ति बेहतर हुई। स्मार्ट मीटरिंग, फीडर ऑडिट और ट्रांसफार्मर निगरानी पर विशेष ध्यान दिया गया। सर्दियों में बिजली कटौती कम करने के लिए उन्होंने व्यापक तैयारियां कीं। वित्त वर्ष 2021 और 2022 के बीच पीक पावर घाटा 22% से घटाकर 12% किया गया। उन्होंने बिजली चोरी रोकने, त्वरित बिलिंग तथा एटीएंडसी हानि नियंत्रण पर कड़ा रुख अपनाया। इन सुधारों से क्षेत्र में बिजली वितरण में स्थिरता और पारदर्शिता आई।
चंडीगढ़ में जनवरी 2025 में राजीव वर्मा को पहला मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। वर्मा के दिल्ली मुख्य सचिव बनने के बाद, मंदीप सिंह बराड़ ने अस्थाई तौर पर मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला। अब एच. राजेश प्रसाद की नियुक्ति के साथ चंडीगढ़ प्रशासन में स्थिरता आई है।
प्रसाद के अनुभव और सुधारात्मक दृष्टिकोण से चंडीगढ़ के शहरी बुनियादी ढांचे, बिजली और सार्वजनिक उपयोगिताओं में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। तकनीक-आधारित शासन, अकुशलता के प्रति शून्य सहिष्णुता और जनता-केंद्रित प्रशासन उनके नेतृत्व की मुख्य विशेषताएं होंगी।
प्रसाद की नियुक्ति केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशासनिक निरंतरता को बनाए रखने और नीति क्रियान्वयन में दक्षता बढ़ाने की केंद्र सरकार की रणनीति का हिस्सा है। उनकी विशेषज्ञता से चंडीगढ़ में बिजली क्षेत्र के सुधार, शहरी विकास की नई परियोजनाएं और बेहतर सेवा वितरण को बल मिलने की उम्मीद है।
एच. राजेश प्रसाद की नियुक्ति चंडीगढ़ के लिए बेहतर शहरी शासन, सार्वजनिक उपयोगिताओं का विकास और तकनीकी नवाचार के माध्यम से प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। इस बदलाव से केंद्र शासित प्रदेश के नागरिकों को बेहतर सेवाएं और पारदर्शी शासन मिलेगा।