हिंदी
बाराबंकी के देवकली गांव में नियमों के विरुद्ध भू-संपत्ति पर कब्जा परिवर्तन को लेकर ग्रामीणों में तीव्र आक्रोश फैल गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों की मिली भगत से अवैध रूप से कुछ लोगों का कब्जा उनके पुस्तैनी खेतों पर कराया गया है।
Barabanki: बाराबंकी के देवकली गांव में नियमों के विरुद्ध भू-संपत्ति पर कब्जा परिवर्तन को लेकर ग्रामीणों में तीव्र आक्रोश फैल गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों की मिली भगत से अवैध रूप से कुछ लोगों का कब्जा उनके पुस्तैनी खेतों पर कराया गया है। वे न्याय के लिए बार-बार अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं।
ग्रामीण दीनदयाल, पुत्र अमरसिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत में स्थित उनका खेत पुस्तैनी कब्जे में है और राजस्व अभिलेखों में उनके नाम दर्ज है। गांव में चकबंदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन किसानों का कब्जा परिवर्तन नहीं कराया गया। 1992 में बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी के आदेश के अनुसार कब्जा परिवर्तन को रोक दिया गया था। तब से लेकर आज तक पुराने कब्जे में कोई बदलाव नहीं हुआ और किसान अपने पुराने चक पर ही काबिज हैं।
पीड़ितों के अनुसार, 18 अक्टूबर 2025 को देवकली के हल्का लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और नायब तहसीलदार बिना किसी सूचना या नोटिस के गांव पहुंचे। उन्होंने जबरन असंद्रा थाना क्षेत्र के अनवार, पुत्र मोहम्मद वसीम का कब्जा करवा दिया। किसानों ने लाख बार विरोध किया, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। दीनदयाल ने बताया कि उनकी धान की फसल खेत में अभी तक खड़ी है, और प्रशासन की मिलीभगत से वहां पर प्लाटिंग का काम शुरू कर दिया गया। इसी तरह, मोहम्मद तारिक और सतनाम के खेतों के साथ भी यही कार्यवाही हुई।