

उत्तराखंड के 10 जिलों में बरसात का कहर है, पर्वतीय जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
सड़कों पर थमा पहियों का पहाड़
Dehradun: उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में मौसम का मिजाज एक बार फिर बिगड़ गया है। राज्य के कई जिलों में बीती रात से हो रही भारी बारिश ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के चलते प्रदेश भर में 87 सड़कों के बंद होने की खबर है, वहीं कई जगहों पर मलबा गिरने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं।
मौसम विभाग ने देहरादून, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर जिलों में अगले 24 घंटों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इसके तहत तेज बारिश, अचानक जलभराव, पहाड़ों में भूस्खलन और यातायात बाधित होने की चेतावनी दी गई है। अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, बारिश के कारण जगह-जगह मलबा आने से सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। कई जिलों में हालात बेहद खराब हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार की ओर से इन मार्गों को खोलने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दे दिए गए हैं।
पर्वतीय जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट
देहरादून जिले में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए ज़िला प्रशासन ने 10 जुलाई को सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। यह आदेश कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों पर लागू होगा। अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने जनता से अपील की है कि वे नदियों के किनारे और भूस्खलन संभावित इलाकों में जाने से बचें। साथ ही, अनावश्यक यात्रा न करें और मौसम विभाग द्वारा जारी अपडेट्स पर नजर रखें।
राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) को अलर्ट मोड पर रखा गया है और संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है। स्थानीय प्रशासन को राहत कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले दो से तीन दिनों तक पर्वतीय इलाकों में मौसम अस्थिर बने रहने की संभावना जताई है। खासकर कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के कई हिस्सों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं।
अधिकारियों ने कहा है कि जरूरी वस्तुओं का भंडारण कर लें और यदि आप पर्वतीय यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो पहले स्थानीय प्रशासन से मार्ग की स्थिति की जानकारी लें।
उत्तराखंड में मानसून के दौरान हर साल भारी बारिश और भूस्खलन से बड़े नुकसान होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आम नागरिक मौसम अलर्ट का पालन करें और प्रशासन के निर्देशों को गंभीरता से लें