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जिलाधिकारी दीपक मीणा ने गुरुबार को विकास भवन सभागार में आयोजित बैंकर्स की महत्वपूर्ण बैठक में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और बैंक लोन वितरण की प्रगति की गहन समीक्षा की। बैठक के दौरान डीएम ने एसबीआई सहित सभी बैंकों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है।
डीएम दीपक मीणा का सख्त तेवर
Gorakhpur: जिलाधिकारी दीपक मीणा ने गुरुबार को विकास भवन सभागार में आयोजित बैंकर्स की महत्वपूर्ण बैठक में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और बैंक लोन वितरण की प्रगति की गहन समीक्षा की। बैठक के दौरान डीएम ने एसबीआई सहित सभी बैंकों को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए साफ कहा कि सरकारी महत्वाकांक्षी योजनाओं को समय पर लागू करना अनिवार्य है, अन्यथा सुस्त शाखाओं के खिलाफ कार्यवाही तय है।
डीएम ने कहा कि कई लोग लोन के लिए महीनों चक्कर काटते रहते हैं, जबकि सरकार चाहती है कि पात्र लाभार्थियों को समय से सहायता मिले। उन्होंने बैंक अधिकारियों को साफ हिदायत दी— “लोन में अनावश्यक देरी, अतिरिक्त कागज़ों की मांग और फाइलें लंबित रखना अब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्राइवेट लाभार्थियों को परेशान करने की प्रवृत्ति तत्काल बंद करें।”
समीक्षा में सामने आया कि कई बैंक शाखाएँ सरकारी योजनाओं में बेहद धीमी प्रगति कर रही हैं। इस पर डीएम ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि समय सीमा के भीतर लोन स्वीकृति सुनिश्चित की जाए। कमजोर प्रदर्शन वाली शाखाओं से स्पष्टीकरण लिया जाएगा।
उन्होंने लीड बैंक को निर्देश दिया कि कमजोर प्रदर्शन करने वाली बैंक शाखाओं की सूची तैयार कर तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाएँ, ताकि जनता को समय पर योजनाओं का लाभ मिल सके।
बैठक में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, PMEGP, स्टैंड-अप इंडिया, NRLM, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी) सहित कई सब्सिडी आधारित कार्यक्रमों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा हुई। डीएम ने कहा कि बड़ी संख्या में युवा स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन बैंक सहयोग की कमी से उनके आवेदन लंबित हैं—इसे तुरंत सुधारा जाए।
बैठक में जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा, परियोजना निदेशक दीपक सिंह, लीड बैंक नोडल मनोज सिंह समेत सभी बैंक शाखा प्रबंधक मौजूद रहे। अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। कई योजनाओं में संतोषजनक परिणाम मिले, वहीं कई क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता बताई गई।
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डीएम मीणा ने स्पष्ट कहा कि गोरखपुर को प्रशासनिक दक्षता का मॉडल बनाना लक्ष्य है, और इसमें बैंकिंग व्यवस्था की अहम भूमिका है।
उन्होंने कहा, “सरकारी योजनाएँ गरीब, किसान, महिला और युवा के लिए जीवन बदलने का अवसर हैं। बैंक अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभाएँ और लाभार्थियों के समय का सम्मान करें।”
जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों के बाद अब सुस्त बैंक शाखाओं में हलचल तेज होने की उम्मीद है।