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वर्ष 2023 में थाना पिपराइच क्षेत्र में दर्ज गैरइरादतन हत्या के मामले में चार आरोपितों को अदालत ने दोषी पाते हुए कड़ी सजा सुनाई है। पुलिस की प्रभावी पैरवी और मॉनिटरिंग सेल की सतत निगरानी के चलते लगभग दो वर्ष पुराने इस मामले में न्याय मिला।
गैरइरादतन हत्या के मामले में अदालत का बड़ा फैसला
Gorakhpur: वर्ष 2023 में थाना पिपराइच क्षेत्र में दर्ज गैरइरादतन हत्या के मामले में चार आरोपितों को अदालत ने दोषी पाते हुए कड़ी सजा सुनाई है। पुलिस की प्रभावी पैरवी और मॉनिटरिंग सेल की सतत निगरानी के चलते लगभग दो वर्ष पुराने इस मामले में न्याय मिला। अदालत ने आरोपितों को 10 वर्ष का कारावास और प्रत्येक को 20,000 रुपये का अर्थदंड देने का आदेश दिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मु0अ0सं0 753/2023 धारा 323, 352 व 304 भादंवि के तहत अभियोग थाना पिपराइच में पंजीकृत हुआ था। मामले में नामजद अभियुक्त — बृजेश पुत्र निरंजन, बिरजू पुत्र निरंजन, निरंजन पुत्र अशर्फी और रामकेश पुत्र निरंजन, निवासी जंगल पकड़ी दक्षिण टोला, थाना पिपराइच — पर एक व्यक्ति के साथ मारपीट कर गंभीर चोट पहुँचाने का आरोप था, जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई थी।
घटना के बाद से ही पुलिस ने केस में ठोस साक्ष्य जुटाए। पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित "ऑपरेशन कनविक्शन" अभियान के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल व थाने के पैरोकार द्वारा लगातार प्रभावी पैरवी की गई। परिणामस्वरूप, मामला तेज़ी से ट्रायल चरण तक पहुँचा।
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सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने सभी आवश्यक साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत किए, जिसके आधार पर माननीय ADJ-PC-1 न्यायालय गोरखपुर ने अभियुक्तों को अपराध का दोषी करार दिया। अदालत ने कहा कि प्रस्तुत साक्ष्यों से स्पष्ट है कि आरोपितों की हरकत गैरइरादतन हत्या की श्रेणी में आती है, इसलिए उन्हें उचित दंड दिया जाना आवश्यक है।
अदालत ने सभी चारों दोषियों को 10 वर्ष का कठोर कारावास और प्रत्येक को 20,000 रुपये का अर्थदंड अदा करने का आदेश सुनाया। अर्थदंड न देने की स्थिति में अतिरिक्त सजा भी तय की गई है।
पुलिस विभाग ने इस सफल सजा सुनिश्चित कराने के लिए ADGC श्री शरदेन्दु प्रताप नारायण सिंह के योगदान को महत्वपूर्ण बताया है। मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन टीम द्वारा की गई समन्वित कार्यशैली के कारण यह किशोर न्याय प्रक्रिया का एक मजबूत उदाहरण माना जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ऑपरेशन कनविक्शन के तहत हर गंभीर मामले में समयबद्ध कार्रवाई और प्रभावी पैरवी कर दोषियों को कठोरतम सजा दिलाना प्राथमिकता है। इस निर्णय से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को मजबूत संदेश गया है कि अपराध करने वालों को न्यायालय से सख्त सजा मिलेगी ही।