

रुद्रप्रयाग जिले के जखोली क्षेत्र में 29 अगस्त को आई आपदा के बाद, प्रशासन की नाकामी के कारण 9 लापता लोगों का आज तक कोई पता नहीं चल पाया है। स्थानीय लोग प्रशासन पर ढीला रवैया अपनाने का आरोप लगा रहे हैं।
रुद्रप्रयाग आपदा में प्रशासन की लापरवाही
Rudraprayag: 29 अगस्त को रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली विकास खंड के बसुकेदार तहसील में आई भयंकर आपदा के बाद अब तक राहत कार्य पूरा नहीं हो पाया है। स्थानीय लोग आज भी अपने अपनों की तलाश में व्याकुल हैं और प्रशासन की मदद पर सवाल उठा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि 9 लापता लोगों में से एक भी व्यक्ति की लाश तक नहीं मिल पाई है।
आपदा के दौरान, जखोली क्षेत्र के छेनागाड़ गांव में एक पुराना बाजार था, जिसमें 15 दुकाने थीं। 29 अगस्त की रात आई मूसलधार बारिश और भूस्खलन के कारण पूरा बाजार मलबे में दब गया। इस आपदा में 9 लोग लापता हो गए थे और आज तक उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार, इलाके में भारी मिट्टी की परत के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में कठिनाई आ रही है, जिस कारण जेसीबी मशीनों की मदद ली जा रही है।
स्थानीय लोग प्रशासन के खिलाफ गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन का रवैया ठीला रहा है और राहत कार्यों में काफी कमी है। आपदा के बाद, रास्ते बंद हो गए थे और पुलों का भी नुकसान हुआ था। हालांकि, प्रशासन ने कहा था कि रास्तों की मरम्मत जल्दी की जाएगी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। कई इलाकों में आज भी लोग शरण लेने के लिए स्कूलों में रह रहे हैं, और उन्हें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
आपदा प्रबंधन अधिकारी का कहना है कि मलबे में दबे हुए लोगों की तलाश लगातार जारी है। भारी मिट्टी की परत के कारण, जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन समस्या यह है कि बहुत से शवों का पता नहीं चल पा रहा है। इसके बावजूद, अधिकारियों का कहना है कि रेस्क्यू टीमों द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है, और उम्मीद है कि जल्द ही लापता लोगों का पता चलेगा।
स्थानीय लोग बेहद परेशान और व्यथित हैं, क्योंकि कई दिन बीत जाने के बाद भी उनके अपनों का कोई पता नहीं चला है। वे कहते हैं कि प्रशासन ने राहत कार्य में पूरी तरह से लापरवाही बरती है और केवल कागजों पर ही काम हो रहा है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हम सिर्फ अपनी जान बचाने के लिए ही नहीं, अपने परिवार के लोगों को भी ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।"
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आपदा के कारण कई लोग आज भी शरण में हैं। तालजामण गांव और आसपास के क्षेत्रों में लोग स्कूलों में ठहरे हुए हैं, जहां उन्हें न तो पर्याप्त खाना मिल रहा है और न ही स्वच्छ पानी की सुविधा। हालांकि प्रशासन का कहना है कि राहत कार्यों को तेज़ी से चलाया जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोग इस पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं।