

उत्तराखंड के रामनगर के बैलपड़ाव इलाके में तेंदुए का आतंक बढ़ गया है। एक ग्रामीण का पालतू कुत्ता तेंदुआ द्वारा उठाया गया। ग्रामीणों ने वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने की मांग की है और चेतावनी दी है कि कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे।
तेंदुआ रात को उठा ले गया पालतू कुत्ता
Ramnagar: उत्तराखंड के रामनगर जिले के तराई पश्चिमी वन प्रभाग क्षेत्र में स्थित बैलपड़ाव इलाके में तेंदुए का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। सैमल चौड़ गांव के ग्रामीणों के लिए यह कोई नई घटना नहीं है, बल्कि कई दिनों से वे इस खौफ में जी रहे हैं कि कहीं तेंदुआ उनका शिकार न बना ले। मंगलवार रात, इस घटना ने ग्रामीणों को और भी दहशत में डाल दिया, जब तेंदुआ एक पालतू कुत्ते को उठा ले गया। यह घटना एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिससे तेंदुए के आतंक का सच सामने आ गया।
ग्रामीणों ने बताई आपबीती
ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुआ कई दिनों से इलाके में मंडरा रहा है और उसकी उपस्थिति से उन्हें रातभर जागकर अपने परिवार और बच्चों की सुरक्षा करनी पड़ती है। इस बार तेंदुआ ने गुरुदत्त सिंह गिल के आंगन में बंधे पालतू कुत्ते को अपनी ताकतवर पंजों में उठा लिया। सीसीटीवी फुटेज में यह पूरी घटना साफ़ दिखाई दी, जिसके बाद ग्रामीणों में डर का माहौल और गहरा गया।
ग्रामीणों का गंभीर आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि वे बार-बार वन विभाग को सूचित कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। वन विभाग द्वारा सिर्फ गश्त बढ़ाने की बात की जा रही है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि अगर तेंदुआ जल्द नहीं पकड़ा गया, तो बड़ा हादसा हो सकता है।
रामनगर के बैलपड़ाव में तेंदुए का आतंक, ग्रामीणों में दहशत का माहौल
मंगलवार रात तेंदुआ एक पालतू कुत्ते को उठाकर ले गया, जिसकी पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। इससे क्षेत्र में और भी दहशत फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुआ कई दिनों से गांव के आसपास मंडरा रहा है,… pic.twitter.com/ykCvA3AIQd
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 20, 2025
स्थानीय निवासियों ने विभाग को दी चेतावनी
गांव के लोग चाहते हैं कि वन विभाग जल्द से जल्द पिंजरे और ट्रैप कैमरे लगाए, ताकि तेंदुए को पकड़ा जा सके। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर वन विभाग ने ध्यान नहीं दिया, तो वे सामूहिक आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।
सैमल चौड़ और बैलपड़ाव क्षेत्र चारों ओर से जंगलों से घिरा हुआ है, जो जंगली जानवरों के लिए एक आसान रास्ता बनता है। खासकर बरसात और फसल के मौसम में तेंदुए और जंगली हाथियों की आवाजाही बढ़ जाती है, जिससे गांवों में खतरा बढ़ जाता है।
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मामले पर अधिकारियों का बयान
तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे इस क्षेत्र में गश्त को और सख्त कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करके पकड़ने के लिए उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा गया है। जैसे ही अनुमति मिलेगी, कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और रात के समय अकेले बाहर न निकलें।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं होती तो स्थिति गंभीर हो सकती है, और यह तेंदुए के साथ-साथ मानव जीवन के लिए भी खतरे का कारण बन सकता है।