

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को 2016 के चर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने नोटिस भेजा है। रावत ने नोटिस मिलने की पुष्टि की और अक्टूबर में बयान दर्ज कराने के लिए समय मांगा है। नोटिस मिलने से राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
उत्तराखंड के पूर्व CM हरीश रावत
Dehradun: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत को सीबीआई ने 2016 के चर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले में नोटिस भेजा है। रावत ने नोटिस मिलने की पुष्टि की है और इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर दी।
यह मामला 2016 में सामने आए उस स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है, जिसमें हरीश रावत पर आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने राज्य के विधायकों से मिलकर सत्ता में बने रहने के लिए कथित रूप से सौदेबाजी की थी। यह मामला तब चर्चा में आया था, जब स्टिंग ऑपरेशन का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें रावत और उनके सहयोगियों की कथित बातचीत रिकॉर्ड की गई थी। इसके बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की थी और अब तक कई चरणों में समन और नोटिस जारी किए गए हैं।
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इस बार सीबीआई ने रावत को नोटिस भेजा है और उनसे बयान दर्ज करने के लिए अक्टूबर में बुलाया है। रावत ने इस नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि लंबे समय बाद सीबीआई के दोस्तों को हमारी याद आई है। जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, मुझे सीबीआई का नोटिस मिलता है। आमतौर पर चुनाव से एक साल पहले या उससे भी पहले। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'लंबे समय बाद सीबीआई की याद आई है। चुनाव नजदीक आते ही मुझे नोटिस मिलता है। सरकार और सीबीआई को अब भी मुझमें ताकत दिखती है। #HarishRawat #CBINotice #UttarakhandPolitics pic.twitter.com/EBRGsT0qK4
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 20, 2025
रावत ने तंज कसते हुए आगे लिखा कि मुझे लगता है कि सीबीआई और सरकार को अब भी मुझमें ताकत दिखती है, यही कारण है कि वे मुझे नोटिस भेज रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे जांच में शामिल होंगे और सीबीआई को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे अक्टूबर में किसी भी समय पेश हो सकते हैं, बशर्ते वह तारीख उनके लिए सुविधाजनक हो।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि वह अक्सर कह चुके हैं कि अब वह उतने सक्रिय नहीं रहे, लेकिन उनका मानना है कि सरकार और सीबीआई उन्हें अपनी ताकत का अहसास कराना चाहती है। रावत के इस बयान ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।
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सीबीआई की जांच अभी जारी है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि रावत किस तारीख को पेश होंगे और किस रूप में पूछताछ की जाएगी। इस जांच में सीबीआई साक्ष्य, गवाहों और रिकॉर्डिंग के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी। अगर आवश्यक हुआ तो नई तारीखों और समन जारी किए जा सकते हैं।