

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने शिष्टाचार भेंट की। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी आपदा प्रभावितों की मदद के लिए अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने का संकल्पित हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास पर शिष्टाचार भेंट
Dehradun: दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात का उद्देश्य विश्वविद्यालय परिवार की ओर से आपदा राहत कार्यों में सहयोग प्रदान करना था। कुलपति ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों की सहायता हेतु अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में समर्पित करने का संकल्प ले चुके हैं।
प्रो. डंगवाल ने मुख्यमंत्री को यह राशि भेंट करते हुए कहा कि दून विश्वविद्यालय परिवार राज्य सरकार के साथ खड़ा है और आपदा की इस कठिन घड़ी में हर संभव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय का यह कदम केवल एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि एक मानवीय और सामाजिक दायित्व की पूर्ति भी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्वविद्यालय के इस समर्पण और सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि दून विश्वविद्यालय का यह सामूहिक योगदान न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह राज्य के शैक्षणिक संस्थानों की सामाजिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा, "इस तरह के प्रयास आपदा से निपटने की प्रक्रिया को सशक्त बनाते हैं और सामाजिक एकजुटता को भी बढ़ावा देते हैं।"
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मुख्यमंत्री धामी ने विश्वास जताया कि दून विश्वविद्यालय की यह पहल अन्य शैक्षणिक, सामाजिक और निजी संस्थानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी आपदाओं से प्रभावी रूप से निपटने के लिए समाज के हर वर्ग की भागीदारी आवश्यक है। "जब हम सभी एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी संकट का सामना करना आसान हो जाता है," मुख्यमंत्री ने कहा।
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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों को शीघ्रता और प्राथमिकता के साथ संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जनसहयोग के माध्यम से राहत कार्यों की गति को और अधिक प्रभावी बनाने में जुटी है, ताकि पीड़ितों को समय पर सहायता मिल सके।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं केवल सरकारी चुनौती नहीं होतीं, बल्कि समाज की सामूहिक परीक्षा भी होती हैं। ऐसे समय में जब शैक्षणिक संस्थान आगे आकर जिम्मेदारी निभाते हैं, तो यह पूरे समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दून विश्वविद्यालय का यह प्रयास भविष्य में अन्य संस्थानों को भी राहत कार्यों में भागीदारी के लिए प्रेरित करेगा।
दून विश्वविद्यालय द्वारा एक दिन का वेतन राहत कोष में देना न केवल एक आर्थिक सहयोग है, बल्कि एक सामाजिक संवेदनशीलता का प्रदर्शन है। यह योगदान संकट की घड़ी में समाज के साथ खड़े होने की भावना को दर्शाता है, जिसे सरकार ने भी खुले मन से सराहा और अन्य संस्थानों को इससे प्रेरणा लेने की अपील की है।