नया सवेरा: सदियों बाद चैन की नींद सोये ग्रामीण, कुख्यात पहचान से मिली सामूहिक मुक्ति
महज नाम किसी व्यक्ति की पहचान नहीं होती, बल्कि उसका समाज, शहर और गांव भी उसकी पहचान का प्रतीक होता है। लेकिन जब कोई नाम ही खराब हो तो पहचान का अस्तित्व संकट में पड़ जाता है। ऐसा ही एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जब सदियों बाद ग्रामीणों को नई पहचान मिली। पढ़ें एक्सक्लूसिव स्टोरी