

उत्तराखंड की धामी सरकार ने रामनवमी के शुभ अवसर पर राज्यवासियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने 1 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
रामनवमी पर पूरे उत्तराखंड में सार्वजनिक अवकाश
Haridwar: उत्तराखंड की धामी सरकार ने रामनवमी के शुभ अवसर पर राज्यवासियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने 1 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। राज्य सचिव विनोद कुमार की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, तहसील, नगर निगम, कोषागार और उपकोषागार सहित बैंक बंद रहेंगे।
सरकार के इस निर्णय को आम जनता और सरकारी कर्मचारियों दोनों ने सकारात्मक रूप से लिया है। रामनवमी का पर्व पूरे देश में धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस पावन पर्व पर छुट्टी की घोषणा से आमजन को पारंपरिक रीति-रिवाज और आस्था के साथ पर्व मनाने का अवसर मिलेगा।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस पहल की आमजन ने सराहना की है। लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए लिखा कि यह निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के सम्मान की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे एक ओर जहां लोगों को परिवार संग त्योहार मनाने का समय मिलेगा, वहीं दूसरी ओर धार्मिक आयोजनों में भी अधिकाधिक सहभागिता सुनिश्चित हो सकेगी।
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस पर्व को उत्साह, शांति और अनुशासन के साथ मनाएं। प्रशासन ने भी विभिन्न जिलों में सुरक्षा और सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष तैयारियां की हैं, ताकि भक्त बिना किसी असुविधा के उत्सव में भाग ले सकें।
गौरतलब है कि उत्तराखंड जैसे देवभूमि कहे जाने वाले राज्य में धार्मिक पर्वों का विशेष महत्व होता है। रामनवमी के अवसर पर प्रदेशभर में मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और शोभायात्राओं का आयोजन किया जाता है। छुट्टी की घोषणा से श्रद्धालु पूरे उत्साह के साथ इन आयोजनों में शामिल हो पाएंगे।
सरकारी कर्मचारियों के लिए भी यह अवकाश राहत लेकर आया है, जिन्हें व्यस्त दिनचर्या के बीच अपने परिवार और समाज संग जुड़ने का अवसर मिलेगा। वहीं व्यापारी वर्ग और स्थानीय बाजारों में भी इस अवसर पर धार्मिक उत्सव का विशेष माहौल देखने को मिलेगा।
कुल मिलाकर धामी सरकार का यह निर्णय प्रदेश की जनता के लिए न केवल राहत भरा है, बल्कि धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर के सम्मान की दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम भी है।