Dehradun: उपेक्षा की उड़ान में खो गया डोईवाला का तितली पार्क, 6 साल से लगा ताला

देहरादून के डोईवाला का तितली पार्क बीते 6 वर्षों से उपेक्षा का शिकार होकर बंद पड़ा है। लाखों की लागत से बना यह पर्यटक आकर्षण कभी 80 प्रजातियों की तितलियों से सजा था। अब पर्यटक सिर्फ बंद गेट और ताले देख लौट जाते हैं।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 1 October 2025, 4:53 PM IST
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Dehradun: डोईवाला का लच्छीवाला नेचर पार्क अपने शांत प्राकृतिक वातावरण और हरियाली के लिए जाना जाता है। इसी परिसर में वर्ष 2015-16 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया था तितली पार्क। उद्देश्य था पर्यटकों को प्राकृतिक जैव विविधता का अनुभव कराना और पर्यटन को बढ़ावा देना।

लेकिन आज वही बटरफ्लाई पार्क विभागीय उपेक्षा और रखरखाव के अभाव का शिकार होकर बीते 6 वर्षों से बंद पड़ा है। लाखों की लागत से बना यह सुंदर परिसर अब वीरान और जर्जर स्थिति में है।

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40-50 लाख की लागत, फिर भी नहीं मिला जीवन

पार्क की स्थापना पर लगभग 40 से 50 लाख रुपये खर्च किए गए थे। शुरुआती दिनों में विभाग ने पार्क को बेहतर रूप देने की कोशिश की और यहां करीब 80 प्रजातियों की तितलियों को आकर्षित किया गया। कीट विज्ञान विशेषज्ञों ने भी इन प्रजातियों की पुष्टि की थी।

इस परियोजना से उम्मीद थी कि लच्छीवाला नेचर पार्क में आने वाले पर्यटक तितली पार्क को भी अवश्य देखेंगे। तितलियों की रंगीन दुनिया पर्यटकों के लिए एक नया अनुभव बन सकती थी। लेकिन ये सपना ज्यादा दिन नहीं टिक पाया।

अब सिर्फ ताला और जिज्ञासा बची है

वर्तमान में तितली पार्क के मुख्य द्वार पर ताला लगा हुआ है और वहां आम लोगों के प्रवेश पर रोक है। जो पर्यटक नेचर पार्क घूमने आते हैं, वे जब तितली पार्क की ओर नजर डालते हैं तो एक बंद दरवाजे और जंग खाए बोर्ड को देख उत्सुक हो उठते हैं कि आखिर इस जगह को बंद क्यों रखा गया है?

पर्यटन विकास की उम्मीद पर फिरा पानी

यह पार्क न केवल एक पर्यटन स्थल था, बल्कि पर्यावरणीय शिक्षा और जैव विविधता के संरक्षण की दृष्टि से भी अहम था। स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए यह एक जीवंत प्रयोगशाला हो सकता था जहां वे तितलियों के जीवन चक्र और व्यवहार को समझ पाते।

पर्यावरणविदों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि सरकार और संबंधित विभाग इच्छाशक्ति दिखाएं तो यह पार्क फिर से जीवित हो सकता है और क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है।

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पर्यटकों और स्थानीय लोगों की मांग

डोईवाला ही नहीं, बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटक भी तितली पार्क को दोबारा शुरू करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि लच्छीवाला जैसे प्राकृतिक क्षेत्र में इस तरह की परियोजनाएं ही असली आकर्षण बन सकती हैं, जिससे राज्य का इको-टूरिज्म बढ़ेगा।

स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि तितली पार्क को फिर से शुरू करना न सिर्फ पर्यावरणीय दृष्टिकोण से जरूरी है, बल्कि यह आर्थिक दृष्टि से भी क्षेत्र के लिए लाभकारी हो सकता है।

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  • Dehradun

Published : 
  • 1 October 2025, 4:53 PM IST