

डोईवाला के भानियावाला क्षेत्र में नगर पालिका द्वारा खोदे गए सोकपीट गड्ढे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कुछ लोग इसके पक्ष में हैं, जबकि कुछ विरोध कर रहे हैं। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर राजनीति की भी घुसपैठ है।
नगर पालिका के खोदे गए गड्ढे पर विरोध
Dehradun: डोईवाला नगर पालिका के वार्ड नंबर 10 के भानियावाला क्षेत्र में, नगर पालिका द्वारा खोदे गए सोकपीट के गड्ढे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह गड्ढा बरसात के पानी को समायोजित करने के उद्देश्य से खोदा गया था, लेकिन अब कुछ लोग इसके बंद किए जाने की मांग कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है।
स्थानीय सभासद ईश्वर रौथान की पहल पर नगर पालिका ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए गड्ढा खोदा था। भानियावाला क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कॉलोनी के घरों में पानी भरने की समस्या बढ़ गई थी। रौथान ने बताया कि यह सोकपीट गड्ढा पानी के समायोजन के लिए खोदा गया था, ताकि बारिश का पानी सड़क और घरों के भीतर न आए, लेकिन अब कुछ लोगों ने इस गड्ढे के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है।
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इस विवाद में राजनीतिक बयानबाजी भी सामने आ रही है, जो अब सोशल मीडिया पर भी फैलने लगी है। कुछ लोगों का कहना है कि गड्ढा खोदने से सड़क की स्थिति बिगड़ रही है, जबकि कॉलोनी के बाकी निवासी इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं। महिलाओं का कहना है कि बरसात में घरों के बाहर पानी जमा होने से बीमारियों की समस्या बढ़ जाती है और गड्ढा खोदकर पानी का समायोजन ही इसका समाधान है। उनका कहना है कि कॉलोनी में सभी लोग इस गड्ढे के पक्ष में हैं, लेकिन महज एक परिवार इसका विरोध कर रहा है।
जबकि कुछ स्थानीय निवासी इस गड्ढे के पक्ष में हैं, वहीं कुछ परिवारों का विरोध बढ़ता जा रहा है। इन विरोधियों का कहना है कि गड्ढा सड़क के बीच में खोदने से वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को समस्या हो रही है।
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वहीं, नगर पालिका के सभासद ईश्वर रौथान ने इस विवाद को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि "इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए नगर पालिका से गड्ढा स्वीकृत करवाया गया था। अब कुछ लोग इसे बंद करने की कोशिश कर रहे हैं और राजनीतिक स्वार्थ के चलते सोशल मीडिया पर अनर्गल बयानबाजी की जा रही है। रौथान ने यह भी कहा कि अगर क्षेत्र के लोग इसके खिलाफ हैं, तो नगर पालिका उनके अनुसार काम करेगी।
इस पूरे विवाद को अब राजनीति का रंग दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर चर्चा चल रही है, और लोग एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं कि यह राजनीतिक स्वार्थ के चलते किया जा रहा है। कुछ लोगों ने कहा कि यह विवाद केवल एक परिवार का व्यक्तिगत विरोध नहीं है, बल्कि इसमें कहीं न कहीं राजनीतिक उद्देश्य छिपा है।