यतीमखाना बेदखली केस: जस्टिस समीर जैन ने आज़म खान की याचिका की सुनवाई से खुद को अलग किया, जानें कारण

याचिका में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें अभियोजन पक्ष के महत्वपूर्ण साक्षियों विशेषकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी को दोबारा बुलाने की मांग खारिज कर दी गई थी।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 22 November 2025, 2:44 PM IST
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Lucknow: इलाहाबाद हाईकोर्ट में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आज़म खान से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई से जस्टिस समीर जैन ने स्वयं को अलग कर लिया है। वर्ष 2016 के बहुचर्चित यतीमखाना बेदखली प्रकरण से जुड़े इस केस को जस्टिस जैन ने अपने न्यायालय से रिलीज करते हुए हाईकोर्ट प्रशासन को दूसरी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।

यह याचिका आज़म खान की ओर से दायर की गई थी, जिसमें ट्रायल कोर्ट के 30 मई के आदेश को चुनौती दी गई थी। फिलहाल ट्रायल कोर्ट के अंतिम निर्णय पर लगी रोक अगली सुनवाई तक प्रभावी रहेगी।

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क्या है मामला?

याचिका में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें अभियोजन पक्ष के महत्वपूर्ण साक्षियों विशेषकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी को दोबारा बुलाने की मांग खारिज कर दी गई थी। इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने घटनास्थल की वीडियोग्राफी को मुकदमे के रिकॉर्ड में शामिल करने की मांग की थी। जिसे भी ट्रायल कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।

आजम खान के वकीलों का तर्क है कि यह वीडियोग्राफी घटनास्थल पर उनकी अनुपस्थिति को साबित कर सकती है। उनका कहना है कि निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार तभी संभव है जब इस तरह के महत्वपूर्ण साक्ष्यों को रिकॉर्ड में शामिल किया जाए। ट्रायल कोर्ट से मांगे अस्वीकार होने के बाद आज़म खान के पक्ष ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।

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12 एफआईआर को जोड़कर बना एकल मुकदमा

यह पूरा मामला रामपुर के कोतवाली थाने में वर्ष 2019 में दर्ज की गई 12 अलग-अलग एफआईआर पर आधारित है। इन एफआईआर में निम्न प्रकार के गंभीर आरोप शामिल हैं

  1. डकैती
  2. आपराधिक षड्यंत्र
  3. घर में अनधिकृत प्रवेश
  4. सरकारी कार्य में बाधा

इन सभी 12 मामलों को 8 अगस्त 2024 को रामपुर के विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) ने सुनवाई की सुविधा के लिए एक एकल मुकदमे में जोड़ दिया था। अब जस्टिस समीर जैन के अलग होने के बाद इस मामले को सुनवाई के लिए हाईकोर्ट की अन्य बेंच को भेजा जाएगा। साथ ही ट्रायल कोर्ट के निर्णय पर लगी रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी।

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 22 November 2025, 2:44 PM IST