

नोएडा के प्रोसेडियम स्कूल में शिक्षक दिवस के दिन छठवीं कक्षा की छात्रा तनिष्का शर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। 15 दिन बाद अब मां ने सामने आकर न्याय की मांग की है। मां का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने घटना की सच्चाई छुपाई और अब तक किसी भी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यह मामला अब सवालों के घेरे में है।
नोएडा प्रेसिडियम स्कूल में छात्रा की मौत के बाद मां का छलका दर्द
Noida: नोएडा के सेक्टर-31 स्थित प्रोसेडियम स्कूल में 4 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन एक दर्दनाक हादसा हो गया। छठवीं कक्षा की छात्रा तनिष्का शर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। स्कूल प्रबंधन ने इसे अचानक तबीयत बिगड़ने और सीढ़ियों से गिरने का मामला बताया, लेकिन अब 15 दिन बाद बच्ची की मां ने सामने आकर कई सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया पर भावुक अपील करते हुए मां ने कहा, “मेरी फूलों जैसी बच्ची थी, परियों की तरह पाला था। अब उन्हीं हाथों से उसे अग्नि दी है। मुझे नहीं पता मेरी बच्ची के साथ क्या हुआ, लेकिन मुझे न्याय चाहिए।”
क्या है पूरा मामला?
4 सितंबर को शिक्षक दिवस के कार्यक्रम के दौरान तनिष्का स्कूल पहुंची थी। दोपहर करीब दो बजे उसने लंच किया और उसके बाद नीचे उतरते समय उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। स्कूल प्रशासन के अनुसार उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और वह सीढ़ियों से गिर पड़ी। स्कूल स्टाफ तुरंत उसे पास के अस्पताल ले गया, लेकिन डॉक्टरों ने तनिष्का को ‘ब्रॉट डेड’ घोषित कर दिया।
मां ने सुनाई दर्दभरी कहानी
तनिष्का की मां तृप्ता शर्मा ने अब सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर स्कूल प्रबंधन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल ने सिर्फ बेहोशी की सूचना दी, लेकिन अस्पताल में पता चला कि बेटी को मृत अवस्था में लाया गया था। मां ने कहा, “उसके आखिरी पलों में क्या हुआ, मुझे जानने का हक है। स्कूल ने सिर्फ एक औपचारिक बयान देकर चुप्पी साध ली। 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है।”
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी खुलासा नहीं
इस पूरे मामले में अभी तक कोई ठोस जांच सामने नहीं आई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी छात्रा की मौत का स्पष्ट कारण सामने नहीं आ पाया है। डॉक्टरों द्वारा बिसरा सुरक्षित रखकर लैब भेजा गया है, जिससे शरीर में किसी जहरीले पदार्थ या अनहोनी की पुष्टि हो सके। रिपोर्ट आने में अभी और समय लग सकता है।
सवालों के घेरे में स्कूल प्रबंधन
परिवार का आरोप है कि स्कूल ने न तो समय पर उन्हें सूचित किया और न ही पारदर्शिता बरती। मां ने अपने बयान में कहा, “अगर स्कूल ने तुरंत एंबुलेंस और प्राथमिक इलाज दिया होता तो शायद मेरी बच्ची बच जाती।” उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।