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डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़िए वांछित अपराधी जीतू उर्फ जितेंद्र की पूरी आपराधिक कहानी।
जीतू ठाकुर
हाथरस: उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधियों में से एक हाथरस जिले का रहने वाला जीतू ठाकुर पिछले 22 सालों से अलीगढ़ मंडल के विभिन्न जिलों में आतंक मचा रहा था। पिछले दो दशक से पुलिस के लिए सिरदर्द बना जीतू उर्फ जितेंद्र ठाकुर आखिरकार मुठभेड़ में मारा गया। यह मुठभेड़ गुरुवार को मैनपुरी जिले के एलाव थाना क्षेत्र स्थित तारापुर कट ब्रिज पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) आगरा और मैनपुरी पुलिस के संयुक्त अभियान में हुई। जीतू का एक साथी मौके से भागने में कामयाब रहा, जिसकी तलाश जारी है।
18 वर्ष की उम्र में रखा अपराध की दुनिया में कदम
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, 18 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले इस अपराधी ने गैंग बनाकर लूट, हत्या, डकैती जैसे संगीन अपराधों को अंजाम देता रहा। उसका आपराधिक इतिहास इतना व्यापक और हिंसक रहा है कि वह लंबे समय तक यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में रहा।
अपराध की शुरुआत
जीतू का आपराधिक सफर 2003 में तब शुरू हुआ जब उसने अपने ही गांव में नाली साफ करने के मामूली विवाद में अपनी चचेरी बहन को गोली मार दी थी। यह घटना थाना जंक्शन क्षेत्र में हुई थी। महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी, लेकिन वह बच गई थी। इस घटना में जीतू को तमंचे के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जेल से छूटने के बाद वह अपराध का रास्ता छोड़ने के बजाय उसमें और गहराई से उतर गया।
हत्या और लूट की वारदातें
2005 में जीतू पहाड़पुर गांव में चोरी के इरादे से एक घर में घुसा था। जब घर के मालिक मनोहर लाल शर्मा ने उसे पहचान लिया तो जीतू ने उसे गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद जीतू ने कई अलग-अलग गिरोह बनाए और एक के बाद एक अपराध को अंजाम दिया। इन अपराधों में हत्या, डकैती, फिरौती और अवैध हथियारों का इस्तेमाल शामिल था।
राशन डीलर की हत्या और बढ़ा पुलिस का दबाव
13 जून 2024 को हाथरस जंक्शन क्षेत्र में राशन डीलर योगेश उपाध्याय की हत्या ने जीतू को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया। योगेश का शव धौरपुर ओवरब्रिज के नीचे लहूलुहान अवस्था में मिला था। इस मामले में छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिनमें से कुछ को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन मुख्य आरोपी जीतू फरार हो गया था। इस घटना के बाद पुलिस ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया और उसके घर की कुर्की भी करवाई।
पुलिस को मिली सूचना
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि जीतू अपने एक साथी के साथ एलाव थाना क्षेत्र के पास मौजूद है। एसटीएफ आगरा और मैनपुरी पुलिस की संयुक्त टीम ने उन्हें घेर लिया, जिस पर जीतू ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह गोली लगने से घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला।
वैज्ञानिक तरीके से जांच जारी
मुठभेड़ की सच्चाई और सबूतों को साबित करने के लिए एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) की टीम ने घटनास्थल का दौरा कर खून के नमूने, मिट्टी और अन्य जरूरी सामान एकत्र किए हैं। इन सभी नमूनों को जांच के लिए आगरा स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया है।
पुलिस की कार्रवाई
इस मुठभेड़ के संबंध में एलाव थाना प्रभारी अवनीश त्यागी और एसटीएफ इंस्पेक्टर हुकुम सिंह ने औपचारिक एफआईआर दर्ज कर ली है। जीतू के नाम पर यह 25वां मामला दर्ज है। पुलिस अब उसके फरार साथी और किसी अन्य संभावित नेटवर्क की जांच में जुट गई है।