

प्रयागराज में बारिश में डूबने वाले इलाकों से स्थायी निजात दिलाने के लिए नगर निगम 35 करोड़ की लागत से मास्टर ड्रेनेज प्लान बना रहा है। सर्वे कमेटी गठित हो चुकी है और 2 सितंबर को पहली अहम बैठक होगी।
प्रयागराज में जलजमाव से स्थायी निजात दिलाने की कवायद शुरू (Img- Internet)
Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बारिश से डूबने वाले मोहल्लों को स्थायी राहत दिलाने को लेकर पहल शुरू हो चुकी है। उसकी कवायद नगर निगम में पूरी तरह से शुरू कर दी गई है। इसके लिए नगर निगम शहर के लिए मास्टर ड्रेनेज प्लान को पूरी तरह से तैयार करने में लगा गया है, जिस पर निगम 35 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए नगर आयुक्त सीलम साईं तेजा ने सर्वे कमेटी को गठित किया गया है।
दो सितंबर को होगी बैठक
बता दें कि इसमें CNDS, जलनिगम, निर्माण विभाग के अफसरों के साथ पार्षदों को भी शामिल किया जा चुका है। कमेटी की बैठक दो सितंबर को होने वाली है। बैठक में तय किया जाएगा कि किन इलाकों में पानी निकासी की व्यवस्था बाधित कर दी गई है। किस तरह की व्यवस्था की जाए की नालों के चौड़ीकरण, सफाई, पाइप लाइन का जाल, मिनी एसटीपी और प्राकृतिक जल प्रवाह मार्गों को बहाल करने जैसे उपाय ड्रेनेज प्लान में शामिल किए जाने की तैयारी है।
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नगर आयुक्त का बयान
नगर आयुक्त ने बताया कि बिना सर्वे किये काम शुरू करने से समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं हो सके है। डीपीआर बनने के बाद ही संरचनात्मक बदलाव होने वाले है। जिससे जलजमाव से प्रभावित क्षेत्रों को स्थायी तौर पर निजात आसानी से मिलेगी। कमेटी में पार्षद आशीष द्विवेदी, द्रोपदी देवी, सिंटू मिश्रा, शिवसेवक सिंह को भी शामिल कर दिया गया है।
नगर आयुक्त की अध्यक्षता में होगी बैठक
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अपर नगर आयुक्त दीपेंद्र यादव ने कहा की दो सितंबर को एक अहम बैठक नगर आयुक्त की अध्यक्षता में होने वाली है। इसमें पार्षद सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल होने जा रही है। इसके बाद सर्वे के आधार पर करीब 35 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर आपदा विभाग को भेजा जाने की तैयारी ही रही है।
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नगर निगम की इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले वर्षों में शहर के प्रमुख जलजमाव ग्रस्त क्षेत्रों को स्थायी राहत मिल सकेगी और मानसून के दौरान आम जनता को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।