सिकंदराबाद में अवैध खनन का खेल, प्रशासनिक मिलीभगत से उठा पर्दा

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के सिकंदराबाद तहसील क्षेत्र में एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां खनन माफियाओं और प्रशासनिक अधिकारियों की साठगांठ का खुलासा हुआ है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 24 September 2025, 8:45 AM IST
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Bulandshahar: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के सिकंदराबाद तहसील क्षेत्र में एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां खनन माफियाओं और प्रशासनिक अधिकारियों की साठगांठ का खुलासा हुआ है। आरोप हैं कि प्रशासन के कुछ अधिकारी माफियाओं से मोटी रकम लेकर अवैध खनन को संरक्षण दे रहे हैं।

एसडीएम के अर्दली पर गंभीर आरोप

मामले की शुरुआत हुई सिकंदराबाद के एसडीएम दीपक कुमार पाल के अर्दली अजीत कुमार के नाम से, जिन पर खनन माफियाओं से गहरी साठगांठ रखने के आरोप हैं। सूत्रों के अनुसार, अजीत कुमार खनन माफियाओं के साथ सीधे संपर्क में था, और उन्हें प्रशासनिक कार्रवाई से बचाने में मदद कर रहा था। आरोप है कि अजीत कुमार ने माफियाओं से पचास लाख रुपये तक की रिश्वत ली, जिससे वे अवैध मिट्टी खनन करते रहे।

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कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता

जब इस गोरखधंधे की शिकायत हुई, तो एसडीएम दीपक पाल की ओर से कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई। सिर्फ खानापूरी करते हुए अर्दली अजीत कुमार को पद से हटाकर कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया। वहीं, दूसरी तरफ, तहसील प्रशासन की कार्रवाई के दौरान जो हुआ, उसने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी।

 जब तहसीलदार की टीम पर टूटा माफियाओं का कहर

हाल ही में सदर नायब तहसीलदार अपनी टीम के साथ गांव सूबरा में अवैध मिट्टी खनन की जांच के लिए पहुंचे थे। इस दौरान माफियाओं ने अपने ही फोन से एसडीएम के अर्दली अजीत कुमार की बात तहसीलदार से कराई। फोन पर अजीत कुमार ने न केवल तहसीलदार से अभद्र भाषा में बात की, बल्कि कार्रवाई रुकवाने का दबाव भी बनाया।

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शिकायत के बाद भी मामूली कार्रवाई

तहसीलदार की लिखित शिकायत के बाद अजीत कुमार को हटाया गया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से एसडीएम दीपक पाल ने केवल औपचारिक कार्रवाई कर मामले को दबाने की कोशिश की।
इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या अधिकारी सच में खनन माफियाओं के खिलाफ हैं, या फिर कहीं न कहीं उनकी भी संलिप्तता है?

खनन माफियाओं का बोलबाला, प्रशासन मौन

सिकंदराबाद तहसील क्षेत्र में खनन माफिया पूरी तरह सक्रिय हैं और प्रशासन की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। वर्षों से अवैध खनन चल रहा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।सूत्रों का दावा है कि खनन माफिया हर स्तर पर पैसे का खेल खेलकर बच निकलते हैं।

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अब यह देखना बेहद अहम होगा कि बुलंदशहर जिला प्रशासन और राज्य स्तर के उच्च अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हैं या नहीं। क्या खनन माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?

 

Location : 
  • Bulandshahar

Published : 
  • 24 September 2025, 8:45 AM IST