

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के सिकंदराबाद तहसील क्षेत्र में एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां खनन माफियाओं और प्रशासनिक अधिकारियों की साठगांठ का खुलासा हुआ है।
सिकंदराबाद में अवैध खनन का खेल
Bulandshahar: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के सिकंदराबाद तहसील क्षेत्र में एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां खनन माफियाओं और प्रशासनिक अधिकारियों की साठगांठ का खुलासा हुआ है। आरोप हैं कि प्रशासन के कुछ अधिकारी माफियाओं से मोटी रकम लेकर अवैध खनन को संरक्षण दे रहे हैं।
एसडीएम के अर्दली पर गंभीर आरोप
मामले की शुरुआत हुई सिकंदराबाद के एसडीएम दीपक कुमार पाल के अर्दली अजीत कुमार के नाम से, जिन पर खनन माफियाओं से गहरी साठगांठ रखने के आरोप हैं। सूत्रों के अनुसार, अजीत कुमार खनन माफियाओं के साथ सीधे संपर्क में था, और उन्हें प्रशासनिक कार्रवाई से बचाने में मदद कर रहा था। आरोप है कि अजीत कुमार ने माफियाओं से पचास लाख रुपये तक की रिश्वत ली, जिससे वे अवैध मिट्टी खनन करते रहे।
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जब इस गोरखधंधे की शिकायत हुई, तो एसडीएम दीपक पाल की ओर से कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई। सिर्फ खानापूरी करते हुए अर्दली अजीत कुमार को पद से हटाकर कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया। वहीं, दूसरी तरफ, तहसील प्रशासन की कार्रवाई के दौरान जो हुआ, उसने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी।
बुलंदशहर (सिकंदराबाद):
खनन माफिया–प्रशासन गठजोड़ का खुलासा!
एसडीएम के अर्दली पर माफियाओं से साठगांठ और ₹50 लाख तक की डील के आरोप। तहसीलदार से फोन पर अभद्रता के बाद भी सिर्फ खानापूरी कार्रवाई!
क्या दबेगा मामला या होगा एक्शन?
बाइट - दीपक पाल, एसडीएम सिकंदराबाद#Bulandshahr… pic.twitter.com/UB6VdPUIO2— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 24, 2025
हाल ही में सदर नायब तहसीलदार अपनी टीम के साथ गांव सूबरा में अवैध मिट्टी खनन की जांच के लिए पहुंचे थे। इस दौरान माफियाओं ने अपने ही फोन से एसडीएम के अर्दली अजीत कुमार की बात तहसीलदार से कराई। फोन पर अजीत कुमार ने न केवल तहसीलदार से अभद्र भाषा में बात की, बल्कि कार्रवाई रुकवाने का दबाव भी बनाया।
तहसीलदार की लिखित शिकायत के बाद अजीत कुमार को हटाया गया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से एसडीएम दीपक पाल ने केवल औपचारिक कार्रवाई कर मामले को दबाने की कोशिश की।
इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या अधिकारी सच में खनन माफियाओं के खिलाफ हैं, या फिर कहीं न कहीं उनकी भी संलिप्तता है?
सिकंदराबाद तहसील क्षेत्र में खनन माफिया पूरी तरह सक्रिय हैं और प्रशासन की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। वर्षों से अवैध खनन चल रहा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।सूत्रों का दावा है कि खनन माफिया हर स्तर पर पैसे का खेल खेलकर बच निकलते हैं।
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अब यह देखना बेहद अहम होगा कि बुलंदशहर जिला प्रशासन और राज्य स्तर के उच्च अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हैं या नहीं। क्या खनन माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?