यूपी एसटीएफ की बड़ी कामयाबी: अपराध की दुनिया का बादशाह और 2 लाख का इनामी कुख्यात गिरफ्तार, पूरे परिवार का हो चुका मर्डर

एसटीएफ ने 18 अगस्त 2025 को 2 लाख रुपये के ईनामी अपराधी हरीश को मेरठ में गिरफ्तार किया। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई हत्याओं, अपहरण और रंगदारी जैसे अपराधों में शामिल रहा था। उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 18 August 2025, 5:53 PM IST
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Meerut: उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने 18 अगस्त 2025 को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 2 लाख रुपये के ईनामी अपराधी हरीश को मेरठ में गिरफ्तार किया है। हरीश पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लंबे समय से सक्रिय था। हरीश के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे।

कैसे हुई गिरफ्तारी

एसटीएफ की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि हरीश मेरठ के भैसाली बस अड्डे के पास आने वाला है। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसटीएफ टीम ने बस अड्डे के पास हरीश को गिरफ्तार किया। यह ऑपरेशन एसटीएफ फील्ड इकाई मेरठ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में हुआ। गिरफ्तार अभियुक्त हरीश ने पूछताछ के दौरान अपने अपराधों के बारे में कई अहम जानकारियां दी।

अपराध की कड़ी जैसे जुड़ी

अभियुक्त हरीश की उम्र लगभग 45 वर्ष है और वह मुजफ्फरनगर जिले के भौराखुर्द गांव का निवासी है। 2004 से अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले हरीश ने कई हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण और जानलेवा हमले जैसी घटनाओं को अंजाम दिया है। वर्ष 2004 में उसके भाई सतीश की हत्या के बाद हरीश ने अपराध की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक कुख्यात अपराधी बन गया।

कई अपराधों को दिया अंजाम

हरीश के परिवार की शुरुआत में भूमि विवाद के कारण कई झगड़े हुए थे। इसके परिणामस्वरूप उसके परिवार के कई सदस्य जैसे उसके भाई सतीश, चाचा विनोद और अन्य रिश्तेदारों की हत्या हो गई। वर्ष 2004 में उसने गांव के सुखपाल नामक व्यक्ति की हत्या की। जिसके बाद उसकी अपराध की कड़ी मजबूत हो गई। इसके बाद हरीश और उसके परिवार ने कई अन्य अपराधों को अंजाम दिया।

धीरे-धीरे अपराध की दुनिया का बना बादशाह

हरीश ने वर्ष 2007 में गांव के रमेश झीमर को हत्या कर दी और 2009 में बस चालक सुरेन्द्र की हत्या की। इसके अलावा 2010 में उसने कई प्रमुख हत्याओं को अंजाम दिया, जिनमें मास्टर राजवीर सिंह और ठेकेदार श्रीमोहन की हत्या शामिल है। इसके बाद हरीश ने रंगदारी के लिए मदन नामक व्यक्ति का अपहरण किया और उसे बुरी तरह से प्रताड़ित किया।

जमानत पर बाहर आने के बाद और भी अपराधों में लिप्त हुआ

हरीश को 2012 में जमानत मिल गई और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर और भी अपराध किए। 2012 में मदन के अपहरण के बाद वह 2019 तक फरार हो गया था। हरीश के परिवार के सभी सदस्य मारे जा चुके हैं और उसके भाई आदेश की 2019 में एसटीएफ से मुठभेड़ में मौत हो गई थी।

एसटीएफ की बड़ी सफलता

हरीश की गिरफ्तारी से एसटीएफ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े अपराधी को धर दबोचा है, जो लंबे समय से कानून के शिकंजे से बच रहा था। अब हरीश को मुजफ्फरनगर के भौराकला थाना में दाखिल किया गया है और उससे जुड़ी अन्य कानूनी कार्यवाही जारी है।

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