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महराजगंज के मिठौरा क्षेत्र स्थित ग्राम सभा गनेशपुर (डिघवा) के प्राथमिक विद्यालय में विकास कार्यों के नाम पर हुई धन निकासी और जमीनी हकीकत में भारी अंतर सामने आया है। बदहाल हालत को लेकर ग्रामीणों में रोष और जांच की मांग तेज हो गई है।
प्राथमिक विद्यालय डिघवा में 94,379 रुपये की मिट्टी व खड़ंजा निर्माण में घोटाले का आरोप
Maharajganj: जनपद के मिठौरा क्षेत्र की ग्राम सभा गनेशपुर (डिघवा) स्थित प्राथमिक विद्यालय इन दिनों बदहाली का शिकार है। विद्यालय में विकास कार्यों के नाम पर की गई धन निकासी और जमीनी हकीकत के बीच भारी अंतर सामने आया है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।
आरोप है कि 30 सितंबर 2024 को विद्यालय परिसर में मिट्टी व खड़ंजा निर्माण के नाम पर 94,379 रुपये की धनराशि निकाली गई, लेकिन मौके पर न तो खड़ंजा बना है और न ही मिट्टी कार्य हुआ है। विद्यालय परिसर आज भी उबड़-खाबड़ है, जिससे बच्चों और शिक्षकों को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इतना ही नहीं, 25 मई 2024 को प्राथमिक विद्यालय डिघवा में मॉडल शौचालय और दिव्यांग शौचालय निर्माण के नाम पर कई किस्तों में कुल 1,84,840 रुपये की निकासी किए जाने का भी आरोप है। बावजूद इसके, दिव्यांग शौचालय में ताला लटका हुआ है, जबकि दूसरे शौचालय की स्थिति बेहद खराब है। गंदगी फैली हुई है, पानी की कोई सुविधा नहीं है और टंकी का पाइप भी टूटा हुआ है। मजबूरन बच्चों और शिक्षकों को शौच के लिए विद्यालय के बाहर इधर-उधर जाना पड़ता है।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका संगीता भारती और शिक्षकों का कहना है कि बरसात के मौसम में विद्यालय परिसर में पानी भर जाता है। कीचड़ और फिसलन के कारण बच्चे बार-बार गिर जाते हैं, जिससे उनकी ड्रेस, कॉपी-किताब खराब हो जाती है और कई बार बच्चे घर लौट जाते हैं। मध्यान्ह भोजन के लिए विद्यालय में रसोई घर नहीं है। भोजन पास के आंगनबाड़ी केंद्र में बनाया जाता है, जिसकी हालत भी जर्जर और टूटी-फूटी है।
इसके अलावा विद्यालय का हैंडपंप दूषित हो चुका है, लेकिन मजबूरी में वही पानी पीना पड़ता है। इससे बच्चों और शिक्षकों को बीमारियों का खतरा बना रहता है। शिक्षकों का कहना है कि वे कई बार ग्राम प्रधान से समस्याओं की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला।
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मामले को लेकर डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने खंड शिक्षा अधिकारी से बातचीत की। उन्होंने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी और यदि अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल प्राथमिक विद्यालय डिघवा की बदहाल स्थिति जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है, जहां बच्चों को बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है।