

प्रतापगढ़ साइबर थाना और साइबर सेल ने ₹20 करोड़ से अधिक की अंतरराज्यीय ऑनलाइन ठगी का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया। यह गिरोह 16 राज्यों में फैले नेटवर्क से गेमिंग, ट्रेडिंग और लोन ऐप के जरिए लोगों को ठग रहा था।
पुलिस की गिरफ्त में साइबर ठग
Pratapgarh: प्रतापगढ़ जनपद के साइबर थाना एवं साइबर सेल की संयुक्त टीम ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 20 करोड़ से अधिक की ऑनलाइन गेमिंग, ट्रेडिंग और लोन ऐप फ्रॉड में संलिप्त अंतरराज्यीय नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में तीन शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके कब्जे से साइबर अपराध से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी संजय राय के पर्यवेक्षण में यह कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई वादी मुकदमा आजम अली की तहरीर के आधार पर दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 21/25 में की गई, जिसमें लोन के नाम पर खाता खुलवाकर साइबर ठगी में इस्तेमाल करने की बात सामने आई थी।
गिरफ्तार अभियुक्तों में शिवम तिवारी, अनुराग शुक्ला और अंकित पाल शामिल हैं, जो प्रतापगढ़ कोतवाली नगर क्षेत्र के निवासी हैं। पूछताछ में इन लोगों ने खुलासा किया कि ये लोग एक संगठित साइबर ठग गिरोह के सदस्य हैं, जो टेलीग्राम और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लोगों को गेमिंग, ट्रेडिंग और लोन ऐप के माध्यम से झांसे में लेकर ठगी करते थे।
गिरोह का तरीका बेहद संगठित था। पहले लोगों को लोन या नौकरी के नाम पर संपर्क किया जाता था और उनसे बैंक खाते खुलवाकर उनसे जुड़ी बैंकिंग किट और सिम कार्ड हासिल किए जाते थे। इसके बाद इन खातों का उपयोग फर्जी ऐप्स के जरिए लोगों को इन्वेस्टमेंट कराने में किया जाता था। शुरुआत में मुनाफा दिखाकर लोगों को लालच दिया जाता और फिर लाखों की रकम हड़प ली जाती।
इन खातों से जुड़ी जानकारी और दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि इस गिरोह के जरिए देश के 16 राज्यों- महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उड़ीसा से जुड़ी 55 शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें कुल ₹20,05,86,879 की साइबर ठगी की पुष्टि हुई है।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह के तार पश्चिम बंगाल, बिहार और असम में सक्रिय अन्य साइबर अपराधियों से भी जुड़े हैं, जो इस नेटवर्क को और व्यापक बनाते थे।
साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक दिवाकर सिंह, सीसीओ सत्येन्द्र यादव, पंकज पाल, तथा साइबर सेल के उपनिरीक्षक विन्ध्यवासिनी तिवारी, बिपिन बिहारी वर्मा, अखिलेश उपाध्याय, दिग्विजय सिंह, सौरव सिंह और ललिता तोमर की टीम ने इस जटिल केस को सुलझाया।
पुलिस ने आगे की जांच के लिए अन्य राज्यों में फैले नेटवर्क पर भी निगरानी तेज कर दी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां संभव हैं।