

राणा सांगा पर टिप्पणी मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन को कोर्ट से आज बड़ी राहत मिली है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खब़र
सपा सांसद रामजी लाल सुमन और राणा सांगा विवाद (Source-Google)
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन को कोर्ट से आज बड़ी राहत मिली है। राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी मामले में सांसद सुमन को MP-MLA कोर्ट ने राहत दी है। कोर्ट ने इस मामले में दायर वाद को खारिज कर दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में राणा सांगा पर बयान दिया था। सांसद ने कहा था कि मुगल शासक बाबर को भारत बुलाने के लिए राणा सांगा जिम्मेदार हैं। इतना ही नहीं सांसद ने उन्हें इतिहास में "गद्दार" बताया था।
विरोध में उतरी थी करणी सेना
सांसद के इस बयान पर देश में विवाद खड़ा हो गया था और उनके खिलाफ करणी सेना ने आगरा से लखनऊ तक प्रदर्शन किया था। इतना ही नहीं क्षत्रिय समाज के तमाम संगठन सपा सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ सड़क पर उतर आए थे। इस मामले में वाद दर्ज कराया गया था। आज सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।
अपराध की क्षेणी में नहीं बयान
कोर्ट ने माना कि सपा के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन की यह टिप्पणी इतिहास की व्याख्या है, आपराधिक दायरे में नहीं आती है। ऐसे में मामले में सुनवाई के बाद सांसद सुमन को हाथरस (UP) की अदालत ने बड़ी राहत दी है। MP-MLA कोर्ट ने सांसद के खिलाफ वाद को खारिज करते हुए कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 105 (2) में लिखा है कि सदन में दिए गए बयान पर किसी भी कोर्ट में कार्रवाई नहीं हो सकती। इसलिए ये आपराधिक केस भी नहीं बनता।
अखिलेश यादव-सुमन को धमकी
सांसद सुमन का यह बयान संसद में आने के बाद राजनीतिक हंगामा देशभर और खासकर उत्तर प्रदेश में खड़ा किया गया था। इस दौरान आगरा में सांसद के घर पर करणी सेना के लोगों द्वारा हमला भी किया गया था और सांसद को मारने की खुलेआम धमकी दी गईं थी। इतना ही नहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव को भी करणी सेना के लोगों द्वारा धमकी दी गई थी। जिस पर क्षत्रिय बनाम दलित का सियासी बखेड़ा भी खूब हुआ था। कोर्ट की टिप्पणी के बाद अब सांसद सुमन के बयान पर उपजी सियासी रार के खत्म होने के आसार हो गए हैं।