

गोरखपुर में अवैध असलहों की खरीद-फरोख्त करने वाले पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। साथ ही दो पिस्टल समेत कारतूस बरामद,पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। पढ़ें पूरी खबर
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के जनपद गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में पुलिस ने अवैध असलहों की खरीद-फरोख्त करने वाले पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से दो अवैध पिस्टल, एक जिंदा कारतूस, एक खोखा कारतूस, चार मोबाइल फोन और दो मोटरसाइकिल बरामद की हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना रामगढ़ताल में मुकदमा संख्या 586/2025 के तहत धारा 61(2) बीएनएस और 5/25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला
पुलिस अधीक्षक नगर अभिनव त्यागी के मार्गदर्शन और क्षेत्राधिकारी कैंट के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष रामगढ़ताल के नेतृत्व में उ0नि0 आशीष तिवारी की अगुवाई में पुलिस टीम ने रात्रि गश्त के दौरान यह सफलता हासिल की। गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान मनीष साहनी, अनुज कुमार, शैलेंद्र निषाद, वीरु साहनी उर्फ गौरव, और सुनील कुमार के रूप में हुई है। इनमें से मनीष साहनी और अनुज कुमार का आपराधिक इतिहास लंबा है, जिनके खिलाफ हत्या का प्रयास, चोरी, गैंगस्टर एक्ट, और अवैध असलहों से संबंधित कई मुकदमे दर्ज हैं।
अवैध पिस्टल और एक वीवो मोबाइल
जानकारी के मुताबिक, मनीष साहनी के कब्जे से एक .32 बोर की अवैध पिस्टल और एक वीवो मोबाइल, अनुज कुमार के पास से एक 7.65 एमएम का जिंदा कारतूस, शैलेंद्र निषाद के पास से एक खोखा कारतूस, एक मोटरसाइकिल और एक मोबाइल, वीरु साहनी के पास से एक वीवो मोबाइल, तथा सुनील कुमार के पास से एक .32 बोर की पिस्टल, एक मोटरसाइकिल और एक वीवो मोबाइल बरामद हुआ।
अपराध नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
पुलिस के अनुसार, ये अभियुक्त अवैध असलहों की तस्करी में लिप्त थे और क्षेत्र में अपराध को बढ़ावा दे रहे थे। गिरफ्तारी करने वाली टीम में उ0नि0 आशीष तिवारी, अनित राय, प्रदीप सिंह, कुश राय, अशोक शर्मा, राम सिंह, हेड कांस्टेबल कृष्ण कुमार सिंह यादव, रामभरत यादव, और कांस्टेबल पवन यादव व जगरनाथ यादव शामिल थे। पुलिस ने अग्रिम विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है और अभियुक्तों से पूछताछ जारी है ताकि उनके नेटवर्क का पता लगाया जा सके। यह कार्रवाई क्षेत्र में अपराध नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।