

उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने अयोध्या को ईको-पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। जो न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और सतत पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।
उधैला झील को मिलेगा नया रूप
Lucknow News: उधैला झील अयोध्या से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह स्थल पक्षी प्रेमियों, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श है। यहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं, जिनके सुंदर दृश्य पर्यटकों के लिए एक आकर्षण हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह स्थान भगवान श्रीराम के मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक आदर्श प्राकृतिक गंतव्य बन सकता है। उनके अनुसार, इस स्थान को विकसित करने से धार्मिक यात्रा के साथ-साथ पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का भी अनुभव मिलेगा।
पर्यटक सुविधाओं का विकास
ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उधैला झील पर कई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म विकास बोर्ड के अंतर्गत यहां मुख्य प्रवेश द्वार, कैफेटेरिया, टिकट काउंटर, वॉकवे, विश्राम स्थल, गजेबो हट, शौचालय, बच्चों के खेलने का क्षेत्र और एक वॉच टावर जैसे सुविधाएं स्थापित की जाएंगी। इन सुविधाओं से पर्यटकों को आरामदायक और सुखद अनुभव होगा, और उन्हें झील और आसपास के क्षेत्रों के प्राकृतिक सौंदर्य को अधिक अच्छी तरह से देखने का अवसर मिलेगा।
प्रवासी पक्षियों के लिए विशेष प्रजनन स्थल
पर्यटन मंत्री ने यह भी बताया कि इस परियोजना का एक खास पहलू यह है कि इसे पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से डिजाइन किया गया है। झील के बीचों-बीच एक विशेष मिट्टी का टीला तैयार किया जा रहा है, जो विशेष रूप से पक्षियों के लिए सुरक्षित प्रजनन स्थल के रूप में कार्य करेगा। इस टीले के निर्माण से पक्षियों को एक सुरक्षित स्थान मिलेगा, जहां वे अपने बच्चों का पालन-पोषण कर सकेंगे।
स्थानीय जैव विविधता और पक्षियों की सुरक्षा पर ध्यान
यह परियोजना केवल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य स्थानीय जैव विविधता और पक्षियों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देना है। इस पहल के तहत पर्यावरण संरक्षण और सतत पर्यटन (सस्टेनेबल टूरिज्म) के सिद्धांतों को लागू किया जा रहा है, ताकि एक ओर जहां यह स्थान पर्यटकों के लिए आकर्षक बने, वहीं दूसरी ओर यह पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सुरक्षित भी रहे।
संरक्षण और पर्यटन का संतुलन
इस परियोजना के तहत विकास और संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। पर्यटन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के बीच एक संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है, ताकि एक ओर जहां लोगों को प्रकृति का आनंद लेने का अवसर मिले, वहीं दूसरी ओर पारिस्थितिकी तंत्र पर बुरा प्रभाव न पड़े।