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मैनपुरी में नेहाल पुत्र रियाजुद्दीन की साबिर मंसूरी द्वारा की गई पिटाई का मामला सामने आया है। सीसीटीवी फुटेज में पूरी घटना कैद हुई है, लेकिन पुलिस कार्रवाई में संकोच दिखा रही है। नेहाल ने तहरीर दी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
दबंगों ने युवक की पिटाई
Mainpuri: मैनपुरी जनपद के थाना कोतवाली क्षेत्र के आगरा रोड पुलिस चौकी के पास एक युवक की दबंगों द्वारा की गई पिटाई का मामला सामने आया है। नेहाल पुत्र रियाजुद्दीन, जो कि अपने घर के लिए ई-रिक्शा पर कुछ सामान ले जा रहे थे, को घात लगाए बैठे साबिर मंसूरी नामक युवक ने गाली-गलौज की और फिर उसे बेरहमी से पीट डाला। घटना की पूरी वारदात सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हो गई है, जो अब पुलिस की जांच का हिस्सा बनी है। हालांकि, पुलिस ने मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
मामला मैनपुरी जिले के थाना कोतवाली क्षेत्र स्थित आगरा रोड पुलिस चौकी के पास का है। नेहाल ई-रिक्शा पर कुछ सामान लेकर जा रहे थे, तभी साबिर मंसूरी नामक युवक ने अचानक उन्हें रोककर गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर दिखता है कि साबिर मंसूरी ने नेहाल को धक्का देकर उसे पीटने का प्रयास किया। यह घटना बिना किसी कारण के घटित हुई, लेकिन इसके बाद पीड़ित ने पुलिस थाने में तहरीर दी, जिसमें आरोप लगाया कि साबिर मंसूरी ने उसे जानबूझकर परेशान किया और मारा।
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मामले के बाद नेहाल ने पुलिस थाने में अपनी तहरीर दी, जिसमें उन्होंने पूरी घटना का विवरण दिया और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। हालांकि, पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाकर बैठा दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले को लेकर स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि जब एक स्पष्ट वीडियो फुटेज और तहरीर मौजूद है, फिर भी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?
सीसीटीवी फुटेज में यह साफ दिख रहा है कि साबिर मंसूरी ने नेहाल को पीटा, लेकिन इसके बावजूद पुलिस कार्रवाई में संकोच कर रही है। फुटेज में देखा जा सकता है कि साबिर मंसूरी ने पहले गाली-गलौज की और फिर नेहाल को मारपीट कर गिरा दिया। यह वीडियो पुलिस के पास पहुंच चुकी है, लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
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यह मामला एक मामूली विवाद से शुरू होकर अब पुलिस जांच और कार्रवाई के घेरे में आ चुका है। सवाल यह उठता है कि क्या यह घटना सच में मामूली थी या इसमें कुछ और छिपा हुआ है? यदि यह एक मामूली विवाद था, तो इस पर इतनी गंभीर प्रतिक्रिया क्यों हो रही है? क्या पुलिस को दबाव है, या फिर कुछ और कारण हैं जिनके कारण इस मामले को हल्के में लिया जा रहा है?