आज का दिन समाजवादी पार्टी के नाम: दिल्ली से लखनऊ तक छा गए अखिलेश यादव, भाजपा वाले परेशान

11 अगस्त 2025 समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए राजनीतिक रूप से बेहद प्रभावशाली दिन साबित हुआ। एक ओर उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा विधायकों ने जोरदार हंगामा कर सदन की कार्यवाही को बाधित कर दिया। वहीं दूसरी ओर दिल्ली में अखिलेश यादव ने विपक्ष के मार्च के दौरान पुलिस बैरिकेडिंग फांदकर सभी की नजरें अपनी ओर खींच लीं। यह दिन सपा के लिए राजनीतिक बढ़त का प्रतीक बन गया।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 11 August 2025, 2:42 PM IST
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Lucknow News: समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए सोमवार का दिन बेहद खास रहा। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानमंडल से लेकर दिल्ली की सड़कों तक अपने तेवर दिखा दिए। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत ही तूफानी अंदाज़ में हुई। सत्र शुरू होते ही सपा विधायक नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने गोरखपुर दौरे के दौरान हुए अभद्र व्यवहार का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि "मुझे गाड़ी से खींचने की कोशिश की गई और रास्ता रोका गया। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।" इसके बाद सपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी और जांच की मांग की। हंगामा इतना बढ़ गया कि स्पीकर सतीश महाना को कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा, जिसके चलते विधानसभा को मंगलवार तक स्थगित करना पड़ा।

दिल्ली में अखिलेश यादव का दमदार प्रदर्शन

दिल्ली में भी सपा ने विपक्ष के साथ मिलकर अपनी राजनीतिक उपस्थिति मजबूत की। लोकसभा चुनाव 2024 में 'वोट चोरी' और SIR प्रक्रिया की धांधलियों के खिलाफ विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक द्वारा निकाले जा रहे मार्च के दौरान, जब दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग कर नेताओं को रोका, तब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सबको चौंकाते हुए बैरिकेडिंग फांद दी। इस दृश्य का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देखते ही देखते सपा समर्थक और नेता “PDA ने ठाना है, SIR वापस करवाना है” जैसे नारे लगाते हुए वीडियो को जमकर साझा करने लगे।

बैरिकेडिंग फांदने वाला पल बना राजनीतिक प्रतीक

इस कदम ने अखिलेश यादव को विरोध मार्च में मुख्य चेहरा बना दिया, भले ही प्रदर्शन समूचे विपक्ष का था। सपा के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स से लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं तक हर कोई अखिलेश के इस कदम को “जनता की आवाज़” और “प्रतिरोध का प्रतीक” बता रहा है।

भाजपा के भीतर भी हलचल?

सियासी गलियारों में अब चर्चा शुरू हो गई है कि भले ही मुद्दा सामूहिक विपक्ष का था, लेकिन अखिलेश यादव की एक झलक ने सारी महफिल लूट ली। विपक्ष के भीतर भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या सपा इस आंदोलन में सबसे आगे निकल गई?

क्या सपा ने बना लिया नया नैरेटिव?

उत्तर प्रदेश में विधानसभा का हंगामा, मानसून सत्र की कार्यवाही ठप कराना और फिर दिल्ली में नेतृत्वकारी भूमिका- ये तीनों घटनाएं एक ही दिन में सपा को राजनीतिक रूप से धारदार और सक्रिय विपक्ष के रूप में पेश करती हैं।

अब आगे क्या?

क्या विधानसभा का मानसून सत्र बढ़ाया जाएगा, जैसा सपा मांग कर रही है? क्या SIR प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग कोई बयान देगा? क्या PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) वर्ग के नाम पर सपा 2024 की रणनीति तेज़ करेगा? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे, लेकिन इतना तय है कि 11 अगस्त 2025 को समाजवादी पार्टी ने अपने राजनीतिक कौशल और विरोध की धार का प्रभावी प्रदर्शन किया।

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 11 August 2025, 2:42 PM IST