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रायबरेली के हरचंदपुर विकासखंड क्षेत्र के लालूपुर खास स्थित आस्तिक देव मंदिर में सोमवार को भक्तों का तांता लगा हुआ है। रात से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। पढिये पूरी खबर
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली के हरचंदपुर विकासखंड क्षेत्र के लालूपुर खास स्थित आस्तिक देव मंदिर में सोमवार को भक्तों का तांता लगा हुआ है। रात से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं।
मंदिर से 4 किलोमीटर पहले ही बैरिकेडिंग
जानकारी के मुताबिक, भीड़ इतनी अधिक है कि मंदिर से 4 किलोमीटर पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर चार पहिया वाहनों को रोका जा रहा है। लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर गंगागंज से ही भारी भीड़ मंदिर तक लगी हुई है। इसलिए चार पहिया वाहनों को गंगागंज के आसपास ही रोका जा रहा है।
लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी
गंगागंज से ही पुलिस प्रशासन तैनात है। भक्त पहुंचकर सबसे पहले नदी में स्नान करते हैं। फिर जलाभिषेक कर दर्शन करते हैं और मनोकामनाएं मांगते हैं। माना जाता है कि यहां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।आस्तिक देव मंदिर का महाभारत काल से संबंध बताया जाता है। यह भी कहा जाता है कि सांप काटने पर जो भक्त वहां पहुंचते हैं, वे ठीक हो जाते हैं। आज लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी तैनात
सीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। अभी तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। भक्त सुचारू रूप से दर्शन कर रहे हैं और मेला चल रहा है।आस्तिक देव कमेटी के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रशासन बहुत अच्छा सहयोग कर रहा है। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और सुचारू रूप से मेला चल रहा है।
पुलिस बल मौके पर तैनात
इस धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हुए। श्रावण मास हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दौरान गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है।भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल मौके पर तैनात रहा। पुलिस अधिकारियों ने यातायात व्यवस्था को भी सुचारू रूप से संचालित किया।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु
स्थानीय प्रशासन ने इस आयोजन के लिए विशेष इंतजाम किए थे। श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, शौचालय और आराम करने के लिए छायादार स्थान की व्यवस्था की गई थी।मेले में विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए गए थे। यहां स्थानीय व्यंजन, हस्तशिल्प और धार्मिक सामग्री उपलब्ध थी। बच्चों के लिए मनोरंजन के साधन भी मौजूद थे। स्थानीय निवासियों के अनुसार, हर वर्ष श्रावण मास में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस वर्ष भी उत्साह देखने को मिला। आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।