देश का पहला मामला: मेरठ की महिला में गर्भाशय नहीं बल्कि इस हिस्से में पल रहा बच्चा, खबर पढ़कर उड़ जाएंगे आपके होश

महिला जब मेरठ के एक प्राइवेट इमेजिंग सेंटर पहुंची तो वहां के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. केके गुप्ता ने उसकी एमआरआई रिपोर्ट देखकर चौंकाने वाली जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार महिला के गर्भाशय में कोई भ्रूण नहीं था। बल्कि भ्रूण लिवर के दाहिने हिस्से में मौजूद था और उसकी कार्डियक एक्टिविटी (धड़कन) भी रिकॉर्ड की गई।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 28 July 2025, 3:08 PM IST
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Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक ऐसा मेडिकल केस सामने आया है, जिसने डॉक्टरों को भी चौंका दिया है। एक महिला लंबे समय से पेट दर्द और उल्टी की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुंची थी। जब जांच की गई तो सामने आया कि वह गर्भवती है, लेकिन हैरानी की बात यह थी कि शिशु गर्भाशय (यूटरस) में नहीं, बल्कि लिवर के भीतर विकसित हो रहा था। डॉक्टरों का कहना है कि यह देश का पहला "इंट्राहेपेटिक एक्टोपिक प्रेग्नेंसी" का मामला हो सकता है।

मामला कैसे सामने आया?

यह मामला बुलंदशहर की एक 30 वर्षीय महिला से जुड़ा है, जो दो महीने से पेट दर्द और उल्टी से परेशान थी। तमाम इलाजों के बाद भी उसे राहत नहीं मिल रही थी। अंत में स्थानीय डॉक्टरों ने उसे एमआरआई एब्डोमेन जांच कराने की सलाह दी। जिससे शरीर के अंदरूनी अंगों की स्पष्ट तस्वीर मिल सके।

एमआरआई रिपोर्ट में क्या देखा?

महिला जब मेरठ के एक प्राइवेट इमेजिंग सेंटर पहुंची तो वहां के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. केके गुप्ता ने उसकी एमआरआई रिपोर्ट देखकर चौंकाने वाली जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार महिला के गर्भाशय में कोई भ्रूण नहीं था। बल्कि भ्रूण लिवर के दाहिने हिस्से में मौजूद था और उसकी कार्डियक एक्टिविटी (धड़कन) भी रिकॉर्ड की गई।

क्या है इंट्राहेपेटिक एक्टोपिक प्रेग्नेंसी?

प्रसूता एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वंदना सिंह ने बताया कि आमतौर पर भ्रूण का विकास गर्भाशय के अंदर होता है। लेकिन जब भ्रूण गर्भाशय की बजाय शरीर के अन्य हिस्से जैसे फैलोपियन ट्यूब, ओवरी या पेट की दीवार में बनने लगे तो इसे "एक्टोपिक प्रेग्नेंसी" कहा जाता है। 97% एक्टोपिक प्रेग्नेंसी फैलोपियन ट्यूब में होती हैं। लेकिन इस महिला के मामले में भ्रूण लिवर के भीतर विकसित हो रहा था, जिसे इंट्राहेपेटिक एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहते हैं। यह अत्यंत दुर्लभ है और इससे जुड़ी जानकारियां मेडिकल लिटरेचर में भी बहुत सीमित हैं। डॉक्टरों का दावा है कि भारत में अब तक इस प्रकार का कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।

Location : 
  • Meerut

Published : 
  • 28 July 2025, 3:08 PM IST