

महराजगंज के छात्र ने नीट में कम अंक आने पर आत्महत्या कर ली। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाटो सोर्स- इंटरनेट)
महराजगंज: यूपी के महराजगंज जनपद के बिस्मिल नगर मोहल्ले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। जहां नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) 2025 में अपेक्षित अंक न आने से आहत एक होनहार छात्र शाकिब सैफ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह दुखद घटना शनिवार दोपहर की है, जब परीक्षा परिणाम घोषित होने के कुछ ही मिनटों बाद शाकिब ने अपने घर में खुद को फंदे से लटका लिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शाकिब सैफ (18) पुत्र सैफुद दोजा, कोटा (राजस्थान) में रहकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था। उसका सपना था कि वह ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला पाए। शाकिब अपने माता-पिता का सपना पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा था। लेकिन जब परिणाम उसकी उम्मीद के अनुरूप नहीं आया, तो वह मानसिक दबाव में आ गया और आत्मघाती कदम उठा लिया।
माता-पिता दोनों शिक्षक
शाकिब के पिता सैफुद दोजा एक मदरसे में शिक्षक हैं, जबकि मां चौपरिया स्थित एक कंपोजिट विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। तीन भाई-बहनों में शाकिब सबसे बड़ा था और पूरे परिवार को उससे काफी उम्मीदें थीं। परिजनों के अनुसार, शनिवार दोपहर लगभग 3 बजे जब नीट का रिजल्ट आया, तब शाकिब काफी देर तक अपने कमरे में बंद रहा। जब काफी देर तक कोई आवाज नहीं आई, तो परिजनों को चिंता हुई। दरवाजा तोड़ा गया तो वह फंदे से लटका मिला। तुरंत उसे केएमसी अस्पताल महराजगंज ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
सूचना पर सदर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है, लेकिन सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है।
इस घटना ने न केवल शाकिब के परिवार, बल्कि पूरे मोहल्ले और शिक्षा जगत को झकझोर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आज की प्रतिस्पर्धा भरी शिक्षा प्रणाली में छात्रों पर मानसिक दबाव अत्यधिक बढ़ गया है। ऐसे में अभिभावकों, शिक्षकों और समाज को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।