

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने सांसद तनुज पुनिया को ज्ञापन सौंपकर टीईटी (TET) की अनिवार्यता को सेवा में हटाने और इसे केवल पदोन्नति स्तर तक सीमित रखने की मांग की। ज्ञापन जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह के नेतृत्व में सौंपा गया।
शिक्षकों ने सांसद को सौपा ज्ञापन
Barabanki: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने सांसद तनुज पुनिया को ज्ञापन सौंपकर टीईटी (TET) की अनिवार्यता को सेवा में हटाने और इसे केवल पदोन्नति स्तर तक सीमित रखने की मांग की। ज्ञापन जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह के नेतृत्व में सौंपा गया।
अभिषेक सिंह ने कहा कि एनसीटीई (NCTE) के नोटिफिकेशन 23 अगस्त 2010 (पैरा 4 एवं 5) और 12 नवंबर 2014 (पैरा 4B) को आरटीई अधिनियम की धारा 23(2) में समाहित करते हुए टीईटी को अनिवार्य बनाया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में 23 अगस्त 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के लिए दो वर्ष में टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया, जबकि 23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों की सेवा संरक्षित रखने का प्रावधान किया था।
उन्होंने कहा कि टीईटी को पात्रता परीक्षा का दर्जा दिया गया था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इसे संवैधानिक अधिकार की तरह मान लिया है। इससे समस्या यह उत्पन्न हो गई है कि पदोन्नति में टीईटी की शर्त के बजाय अब सीधे सेवा की अनिवार्यता बना दी गई है, जिससे पहले से कार्यरत शिक्षकों की नौकरी असुरक्षित हो रही है।
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