Veda Examinations: वेद पाठशालाओं में पूरक परीक्षाएं शुरू, जानें प्रयागराज समेत किन राज्यों में होगी परीक्षा

वेद पाठशालाओं में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पूरक परीक्षाएं आज 11 जून से शुरू हो गई हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़िए वेद परीक्षा की पूरी जानकारी

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 11 June 2025, 11:41 AM IST
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प्रयागराज: देशभर की वेद पाठशालाओं में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पूरक परीक्षाएं आज 11 जून से शुरू हो गई हैं। ये परीक्षाएं 13 जून तक चलेंगी और इसके लिए देश के 16 राज्यों में 23 केंद्र बनाए गए हैं। उत्तर प्रदेश में परीक्षा के लिए चार केंद्र प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी और गाजियाबाद को चुना गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रयागराज में श्री स्वामी नरोत्तमानंद गिरि वेद विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाया गया है, जहां सीसीटीवी की निगरानी में पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा कराने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी निर्धारित केंद्रों पर परीक्षा सामग्री पहुंच गई है।

परीक्षाओं का उद्देश्य

महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के तत्वावधान में आयोजित इन पूरक परीक्षाओं का उद्देश्य उन वेद छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2024-25 की वार्षिक परीक्षाओं में दूसरा अवसर प्रदान करना है, जो पूरी तरह से या किसी विशेष विषय में अनुत्तीर्ण हो गए हैं। वार्षिक परीक्षाएं 28 फरवरी से 4 मार्च 2025 तक देशभर के 85 केंद्रों पर आयोजित की गई थीं, जिनका परिणाम 3 मई को घोषित किया गया। इन परीक्षाओं में वेदभूषण प्रथम वर्ष (कक्षा 6) से वेदभूषण चतुर्थ वर्ष (कक्षा 9) और वेद-विभूषण प्रथम वर्ष (कक्षा 11) तक के छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। यह पूरक परीक्षा उन छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है जो इन परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण हो गए थे।

वेद शिक्षा का विशेष महत्व

प्रयागराज जिले की बात करें तो यहां वेद शिक्षा का विशेष महत्व है। जिले में कुल छह वेद पाठशालाएं और दो गुरु-शिष्य परंपरा इकाइयां संचालित की जा रही हैं। इनमें विष्णु महादेव वेद पाठशाला (झूंसी), श्री राधा कृष्ण वेद विद्यालय (झूंसी), भारतीय तीर्थ वेद पाठशाला (अलोपीबाग), महर्षि भारद्वाज वेद विद्या समिति (पन्नालाल मार्ग), श्री आदिगुरु दत्तात्रेय वेद विद्यालय (नैनी), कोटेश्वर महादेव वेद विद्यालय (शिवकुटी) और प्रवीण कुमार मिश्र (शांतिपुरम) शामिल हैं।

ये संस्थान न केवल वेदों के अध्ययन को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि संस्कृत और भारतीय संस्कृति के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। श्री स्वामी नरोत्तमानंद गिरि वेद विद्यालय, झूंसी को न केवल पूरक परीक्षा केंद्र बनाया गया है, बल्कि यह संस्थान समय-समय पर पुनश्चर्या पाठ्यक्रम, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जैसी संस्थाओं के सहयोग से वेद और संस्कृत से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित करता रहा है। इन कार्यक्रमों के जरिए वेदों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और छात्रों को भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ने का प्रयास किया जाता है।

परीक्षा केंद्रों पर पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। परीक्षा प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सीसीटीवी निगरानी के साथ-साथ प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती की गई है। विद्यार्थियों और अभिभावकों ने इन पूरक परीक्षाओं को एक सुनहरा अवसर बताया है, जो असफल विद्यार्थियों को अपनी कमियों को सुधारने और अगले शैक्षणिक स्तर पर आगे बढ़ने का मौका देगा।

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