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वाराणसी में कफ सीरप तस्करी मामले पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सरगना शुभम जायसवाल व ग्राम प्रधान के पति महेश पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया है। महेश के बैंक खातों को फ्रीज किया गया और गाजियाबाद जेल में बंद सौरभ-शिवा को 16 दिसंबर को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
वाराणसी में कफ सीरप रैकेट का खुलासा
Varanasi: कफ सीरप तस्करी के नेटवर्क पर पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। काशी जोन के डीसीपी गौरव वंशवाल ने इस रैकेट के सरगना शुभम जायसवाल पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है, जबकि रोहनिया के भदवर में 500 पेटी कफ सीरप बरामदगी मामले में ग्राम प्रधान के पति महेश पर भी 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया है। पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी द्वारा इस तरह की घोषित इनामी कार्रवाई इस प्रकरण में पहली बार की गई है।
28 नवंबर को भदवर स्थित जिम के नीचे बने गोदाम से 500 पेटियां कफ सीरप मिली थीं, जिसका स्वामी महेश बताया गया। गिरफ्तारी टलने पर पुलिस ने इनामी घोषणा कर दी।
जांच में सहयोग न करने और फरार होने के चलते रोहनिया पुलिस ने महेश के बैंक ऑफ बड़ौदा और आईसीआईसीआई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। पुलिस के अनुसार दोनों खातों में कुल लगभग 10 लाख रुपये जमा हैं, जिनकी निकासी या लेन-देन अब संभव नहीं होगा।
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कफ सीरप नेटवर्क की जड़ें तभी और गहरी दिखाई दीं जब जांच गाजियाबाद तक पहुंची। आरके फार्मा के मालिक सौरभ त्यागी और उसका सहयोगी शिवानंद उर्फ शिवा इस रैकेट में अहम भूमिका निभाते मिले। दोनों फिलहाल गाजियाबाद जेल में बंद हैं।
रोहनिया पुलिस ने दोनों को ट्रांजिट में लाने के लिए कोर्ट से वारंट-बी हासिल कर लिया है। 16 दिसंबर को दोनों आरोपितों को वाराणसी कोर्ट में पेश किया जाएगा। जांच पूरी होने तक उन्हें वाराणसी जिला जेल में रखा जाएगा।
तस्करी का असली स्रोत तब सामने आया जब पुलिस ने भदवर गोदाम के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में कफ सीरप से लदी ट्रक की झलक मिली। टोल टैक्स रिकॉर्ड से ट्रक नंबर का सुराग मिला तो पुलिस सीधे ट्रांसपोर्टर तक पहुंची।
कफ सिरप तस्करी (Img- Google)
ट्रक मालिक से पूछताछ में साफ हुआ कि पूरी खेप गाजियाबाद से भेजी गई थी। इसे लोड सौरभ के निर्देश पर शिवानंद ने किया था। इस सुराग ने जांच को नई दिशा दे दी।
जांच के दौरान पुलिस को गाजियाबाद ट्रांसपोर्टर ने ट्रक का जीपीएस लोकेशन गूगल मैप के माध्यम से उपलब्ध कराया। लोकेशन टीम को सूजाबाद तक ले गई, लेकिन सटीक गोदाम की पहचान मुश्किल हो रही थी।
इसी दौरान वहां खड़ी एक टाटा मैजिक गाड़ी ने पुलिस का ध्यान खींचा। नंबर ट्रेस करने पर पता चला कि वाहन आजाद जायसवाल के नाम दर्ज है वही आजाद, जिसे कफ सीरप बरामदगी के दौरान पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था।
पुलिस ने टाटा मैजिक के सामने स्थित मकान में छापा मारा तो वहां से 173 पेटियां कफ सीरप बरामद हुईं। इससे पूरा नेटवर्क और उजागर हो गया।
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पुलिस सूत्रों के अनुसार शुभम जायसवाल दुबई में शरण लिए हुए है। वाराणसी पुलिस लगातार एसआईटी के साथ समन्वय कर उसे भारत लाने के लिए कार्रवाई कर रही है। उसकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी एडवांस स्टेज में है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कफ सीरप तस्करी के इस प्रकरण में रोजाना मॉनिटरिंग की जा रही है और हर बैठक में प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा हो रही है। अब तक की कार्रवाई से रैकेट का आधा नेटवर्क बेनकाब हो चुका है और बाकी को पकड़ने के लिए दबिश जारी है।