

सोनभद्र के रिहंद बांध के 7 फाटक खोलकर 83 हजार क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है। जलस्तर में कमी आई है लेकिन 868 फीट से नीचे आने तक फाटक बंद नहीं होंगे। बिजली उत्पादन भी पूर्ण क्षमता पर जारी है।
रिहंद बांध के 7 फाटक खुले
Sonbhadra: भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील रिहंद बांध के 7 फाटक खोलकर भारी मात्रा में पानी की निकासी जारी है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजेश शर्मा ने बताया कि सोमवार को बांध का जलस्तर 869.1 फीट तक पहुंच गया था। जलस्तर में तेजी से वृद्धि को देखते हुए बांध का पहला फाटक खोल दिया गया। इसके बाद जलस्तर में कमी न आने पर शाम 6:30 बजे तक दो बार में पांच फाटक खोल दिए गए।
फिर भी, बांध का जलस्तर रात 11 बजे तक 869.2 फीट पर बना रहा और पानी का इनफ्लो काफी तेज था। इस स्थिति को देखते हुए बांध के दो फाटक और 16 फीट तक खोल दिए गए। इस प्रकार कुल 7 फाटक खोलकर पानी की निकासी की जा रही है।
अधिशासी अभियंता ने बताया कि बांध पर लगी सभी 6 टरबाइन फुल लोड पर चल रही हैं, जिससे करीब 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। 6 टरबाइन और 7 फाटकों की मदद से कुल मिलाकर 83 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। फाटकों के खुलने के बाद सुबह 9 बजे तक जलस्तर में 0.2 फीट की कमी दर्ज की गई है और जलस्तर 869 फीट तक पहुंच गया है।
फाटक खोलकर निकाला जा रहा पानी
राजेश शर्मा ने यह भी बताया कि जब तक जलस्तर 868 फीट से नीचे नहीं आता, फाटक बंद नहीं किए जाएंगे। उन्होंने इस दौरान स्थानीय लोगों और क्षेत्र के किसानों से सतर्क रहने और सरकारी आदेशों का पालन करने की अपील की है ताकि किसी भी तरह की आपदा से बचा जा सके।
रिहंद बांध का जलस्तर बढ़ने का कारण हाल के दिनों में क्षेत्र में हुई भारी वर्षा और नदी में पानी की आवक में वृद्धि बताई जा रही है। यह बांध न केवल सिंचाई के लिए बल्कि विद्युत उत्पादन और आसपास के क्षेत्र के जल प्रबंधन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पानी की लगातार निकासी से आसपास के इलाकों में बाढ़ की संभावना को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन ने फाटक खुलने के कारण सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता बढ़ा दी है। साथ ही, बांध के आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
सिंचाई विभाग का कहना है कि वे लगातार जलस्तर और पानी की निकासी पर नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति को समय रहते नियंत्रित किया जा सके। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम भी अलर्ट मोड में है।
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रिहंद बांध की स्थिति पर नजर रखने के लिए विभाग ने कई हाईटेक उपकरण और सेंसर लगाए हैं, जो लगातार जलस्तर की जानकारी भेज रहे हैं। इससे अधिकारियों को सही समय पर निर्णय लेने में मदद मिलती है।
यह स्थिति सोनभद्र जिले के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन साथ ही जल संरक्षण और प्रबंधन की दृष्टि से महत्वपूर्ण भी है। फाटक खुलने से स्थानीय किसानों को सिंचाई का लाभ मिलेगा, जबकि बिजली उत्पादन भी जारी रहेगा।