

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में रोड की जर्जर हालत ने ग्रामीणों की परेशानियों को चरम पर पहुँचा दिया है। इसे लेकर अब ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया है।
गांव की टूटी सड़क बनी ग्रामीणों की मुसीबत
Sonbhadra: विकासखंड रॉबर्ट्सगंज के अंतर्गत ग्राम पंचायत सेहुआं की लिंक रोड की जर्जर हालत ने ग्रामीणों की परेशानियों को चरम पर पहुँचा दिया है। शिव मंदिर से नहर पुल तक मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली यह लिंक रोड अब पूरी तरह से टूट-फूट और कीचड़ में तब्दील हो चुकी है। बारिश में हालात और भी भयावह हो जाते हैं, जिससे ग्रामीणों को न केवल दैनिक आवागमन में दिक्कत हो रही है, बल्कि बच्चों की शिक्षा, मरीजों का इलाज और आवश्यक सेवाओं तक पहुंच भी प्रभावित हो रही है।
गांव के बाहर स्थित परिषदीय विद्यालय में पढ़ने जाने वाले नन्हें बच्चों को रोजाना कीचड़ और पानी से भरी इस सड़क से होकर स्कूल जाना पड़ता है। बारिश के दिनों में हालात इतने खराब हो जाते हैं कि बच्चे विद्यालय नहीं पहुँच पाते, जिससे पठन-पाठन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। माता-पिता अपने बच्चों को इस रास्ते से भेजने में चिंतित रहते हैं, वहीं स्कूल प्रशासन भी आने-जाने की कम संख्या को लेकर परेशानी में है।
बच्चों की पढ़ाई पर संकट
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की हालत इतनी खराब है कि आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेंस तक गांव में नहीं पहुँच पाती। कई बार बीमार और गर्भवती महिलाओं को खाट पर लादकर, या बाइक से ही गड्ढों और कीचड़ से होकर अस्पताल ले जाना पड़ा है। यह न केवल एक गंभीर स्वास्थ्य संकट है बल्कि प्रशासन की लापरवाही का उदाहरण भी।
ग्रामीणों ने बताया कि कई बार जिला प्रशासन से शिकायत की गई, ज्ञापन भी सौंपे गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सड़क की मरम्मत के लिए अब तक ना तो कोई अधिकारी मौके पर आया और ना ही कोई ठोस कार्रवाई की गई। सरकार भले ही “गांव-गांव सुंदर रोड” और “गड्ढा मुक्त अभियान” जैसे बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन हकीकत जमीन पर कुछ और ही तस्वीर पेश करती है।
गुरुवार को सेहुआं गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। लोगों ने हाथों में तख्तियाँ और बैनर लेकर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा भेजी जा रही विकास योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर नहीं पहुँच पा रहा है। सरकारी फंड का बंदरबांट हो रहा है और अधिकारियों की लापरवाही ने गांव को बदहाल कर दिया है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही सड़क की मरम्मत नहीं कराई गई तो वे जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेंगे और विकास कार्यों की पोल खोलने का काम करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि अब सिर्फ आश्वासनों से काम नहीं चलेगा।
ग्राम पंचायत सेहुआं की लिंक रोड आज ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन चुकी है। बच्चों की शिक्षा, बीमारों का इलाज, बाजार जाना, हर काम एक चुनौती बन गया है।