

यूपी के सोनभद्र जनपद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बच्ची ने 13 किलोमीटर पैदल चलकर थाने पहुंची और मां के लिए इंसाफ की गुहार लगाई।
बेटी ने थाने पहुंचकर मां के लिए मांगा इंसाफ
Sonbhadra: जिले के दुद्धी कोतवाली क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां अंधविश्वास की वजह से एक महिला को 'डायन' बताकर प्रताड़ित किया जा रहा था। इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने 13 किलोमीटर का लंबा सफर अकेले पैदल तय कर थाने पहुंच पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई। बच्ची की मासूम आंखों से बहते आंसुओं और सच्ची पीड़ा ने पुलिसकर्मियों को भी झकझोर दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना तब प्रकाश में आई जब कक्षा 8 में पढ़ने वाली 13 वर्षीय बच्ची निर्मला अपनी मां को अंधविश्वास से बचाने के लिए 13 किलोमीटर पैदल चलकर थाने पहुंची। मंगलवार की दोपहर लगभग 2 बजे थाने में घबराई और रोती हुई बच्ची ने पुलिस से कहा, "सर, मेरी मां को डायन कहकर पीटा जा रहा है... हमारी बात सुनिए, हमें बचाइए।" बच्ची की मासूम आवाज और आंखों से बहते आंसू देखकर थाने के पुलिसकर्मी भी स्तब्ध रह गए।
बच्ची ने आरोप लगाया कि उसकी चाची और एक अन्य युवक मिलकर उसकी मां को डायन बताकर गालियां देते हैं, मारते-पीटते हैं। जब वह और उसकी बहन विरोध करती हैं, तो उन्हें भी पीटा जाता है। बच्ची ने पूरी आपबीती पुलिस को लिखित में सौंपी।
दुद्धी कोतवाली पहुंचते ही बच्ची फूट-फूटकर रोने लगी और पुलिसकर्मियों से बोली, "साहब मेरी चाची मेरी मां को डायन कहती है, उसे गालियां देती है और मारती है। जब मैंने इसका विरोध किया, तो मुझे भी मारा गया। मेरी मां कोई डायन नहीं है, वह बस सब कुछ सहती रहती हैं।" बच्ची की बातें सुनकर वहां मौजूद पुलिसकर्मी भी कुछ क्षण के लिए स्तब्ध रह गए।
साहसी बच्ची ने थाने जाकर खोला दरिंदगी का राज
पीड़ित महिला ने भी पुष्टि की कि पिछले कुछ महीनों से उसे लगातार 'डायन' कहकर प्रताड़ित किया जा रहा है। हर महीने दो से तीन बार उसके साथ मारपीट की जाती है। महिला का आरोप है कि आरोपी घर में घुसकर बाल पकड़कर उसे पटक-पटककर पीटते हैं और बेटियों के सामने गालियां देकर अपमानित करते हैं। वह बताती हैं कि बेटियां जब उसे बचाने आती हैं तो उन्हें भी मारते हैं।
पीड़िता की बड़ी बेटी ने बताया कि आरोपियों ने यहां तक धमकी दी है कि अगर उन्होंने विरोध किया तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा।
पुलिस ने तुरंत बच्ची को ढांढस बंधाया और पूरे मामले की जानकारी ली। बच्ची ने अपनी आपबीती लिखित में पुलिस को सौंपी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच शुरू करने का भरोसा दिलाया है। थाने के प्रभारी ने बताया कि बच्ची की शिकायत को प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है और जांच टीम को गांव भेजा गया है ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके।
इस घटना से पता चलता है कि आज भी समाज के कुछ हिस्सों में अंधविश्वास कितनी गहराई से फैला हुआ है, जो न केवल महिलाओं की अस्मिता को चोट पहुंचाता है, बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। हालांकि इस मामले में पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और पीड़िता परिवार को हरसंभव सुरक्षा व न्याय दिया जाएगा।