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सोनभद्र जिले की चोपन पुलिस की साइबर टीम ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। साइबर फ्रॉड के शिकार धीरज जायसवाल के खाते से निकाली गई 1,88,127 रुपये की राशि सफलतापूर्वक वापस करा दी गई। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के निर्देशन में चल रहे साइबर अपराध नियंत्रण अभियान के तहत की गई।
साइबर फ्रॉड के शिकार को वापस कराई गई रकम
Sonbhadra: चोपन थाना क्षेत्र की साइबर पुलिस टीम ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। साइबर ठगी का शिकार बने चोपन निवासी धीरज जायसवाल के खाते से निकाली गई रकम 1,88,127 (एक लाख अठ्ठासी हजार एक सौ सत्ताइस रुपये) को सफलतापूर्वक वापस करा दिया गया। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के निर्देशन में साइबर अपराधों की रोकथाम और पीड़ितों की धनवापसी के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा रही।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, धीरज जायसवाल पुत्र नागेंद्र जायसवाल के साथ यह धोखाधड़ी तब हुई, जब अज्ञात व्यक्तियों ने खुद को आरटीओ अधिकारी बताकर उनसे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नाम पर 5 रुपये के भुगतान के लिए एक लिंक भेजा। जैसे ही उन्होंने लिंक पर क्लिक किया, उनके बैंक खाते से 1,89,500 रुपये अचानक गायब हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही चोपन थाना की साइबर टीम सक्रिय हो गई। प्रभारी निरीक्षक कुमुद शेखर सिंह के नेतृत्व में टीम ने पीड़ित से सभी आवश्यक दस्तावेज और ट्रांजैक्शन डिटेल्स प्राप्त कर NCRP (National Cyber Crime Reporting Portal) पर शिकायत दर्ज की। पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) अनिल कुमार, क्षेत्राधिकारी नगर रणधीर मिश्रा और साइबर डेस्क के कांस्टेबल सुनील रावत की संयुक्त देखरेख में जांच शुरू की गई।
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साइबर टीम ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए विभिन्न बैंकों और पेमेंट गेटवे को संपर्क कर धीरज जायसवाल के पैसे को होल्ड कराया। जांच में पता चला कि ठगी की गई राशि देश के अलग-अलग राज्यों- मेहसाणा (गुजरात), मोतिहारी (बिहार), दिल्ली, महाराष्ट्र, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) और इंदौर (मध्य प्रदेश) के खातों में ट्रांसफर की गई थी। पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी खातों में रकम को ब्लॉक करवाया और बैंकिंग चैनलों के माध्यम से साक्ष्य संकलन किया।
इसके बाद, NCRP पोर्टल के जरिए संबंधित बैंक शाखाओं से ईमेल संवाद स्थापित कर धनवापसी की प्रक्रिया पूरी की गई। इसके चलते, 1,88,127 रुपये चार अलग-अलग किस्तों में 08 नवंबर 2025 को धीरज जायसवाल के बैंक खाते में वापस जमा हो गए।
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पैसा वापस मिलने के बाद धीरज जायसवाल ने पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार, प्रभारी निरीक्षक कुमुद शेखर सिंह और पूरी साइबर टीम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पुलिस की तत्परता और तकनीकी दक्षता के कारण उनका लगभग पूरा पैसा वापस मिल सका।
एसपी अभिषेक वर्मा ने इस सफलता पर टीम को बधाई दी और बताया कि हाल के दिनों में साइबर अपराध तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे अपराधों से बचने का सबसे अच्छा उपाय जागरूकता है। अगर किसी के साथ ऑनलाइन फ्रॉड होता है, तो वह तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर या NCRP पोर्टल पर शिकायत दर्ज करे।”
एसपी ने यह भी कहा कि अगर शिकायत 24 घंटे के भीतर दर्ज की जाती है, तो ठगी गई राशि को बैंक के माध्यम से ब्लॉक कर वापस पाने की संभावना काफी अधिक रहती है। उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें और अपने बैंक खाते की जानकारी किसी अजनबी के साथ साझा न करें।