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सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी खदान हादसे में पांच मजदूरों की मौत ने खदान संचालन के पीछे के गहरे सिंडिकेट और प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया। जांच में पता चला कि कई प्रभावशाली लोग खदान में साझेदार थे और अवैध खनन चला रहे थे।
सोनभद्र में खनन सिंडिकेट का खेल उजागर
Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा थाना क्षेत्र में स्थित बिल्ली मारकुंडी कृष्णा माइनिंग खदान ने पूरे जिले के प्रशासनिक ढांचे को हिला कर रख दिया है। तीन दिन पहले चट्टान धंसने से हुई इस दर्दनाक घटना में पांच मजदूरों की मौत हुई। हादसे के बाद खदान के संचालन और इसके पीछे के सिंडिकेट को लेकर कई बड़े खुलासे सामने आए हैं।
जांच में पता चला है कि खदान कागज़ों पर केवल एक व्यक्ति के नाम पर थी, लेकिन असल में इसे कई प्रभावशाली लोगों के सिंडिकेट द्वारा संचालित किया जा रहा था। दर्जनभर लोगों का इसमें हिस्सा था और उन्होंने अपने निवेश से बड़े पैमाने पर खनन करवाया। हादसे ने प्रशासन और खनन विभाग की लापरवाही को भी उजागर किया है।
सोनभद्र बिल्ली खदान हादसा: अब तक 5 मजदूरों की मौत, रेस्क्यू जारी
प्रशासन और खनन विभाग की लापरवाही ?
जानकारी के मुताबिक, यह खदान जून 2016 से मई 2026 तक की लीज पर थी और लगातार सक्रिय थी। लेकिन नियमों की भारी अनदेखी के साथ खदान वर्षों से साझा भागीदारी में चल रही थी। कई हिस्सों में धारा 22 लगाकर खनन प्रतिबंधित भी किया गया था, फिर भी मिलीभगत से खनन जारी रहा। इस घटना ने यह साफ कर दिया कि सुरक्षा मानक पूरी तरह अनदेखा किए जा रहे थे।
इस हादसे के बाद प्रशासन ने तीन विशेष जांच टीमें गठित कर पूरे मामले की तहकीकात शुरू कर दी है। जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि लगातार रेस्क्यू अभियान के तहत मलबा हटाने का काम अंतिम चरण में है और जल्द ही अंतिम शव को भी बाहर निकाला जाएगा।
जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने किया निरीक्षण
खदान संचालक सहित तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। अधिकारियों का कहना है कि हादसे की जांच के बाद खदान में हिस्सेदारी और संरक्षण में शामिल लोगों की पहचान भी की जाएगी।
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स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिले में सैकड़ों खदानें बिना किसी सुरक्षा मानक के संचालित हो रही हैं। DGMS नियमों का हवाला देकर खदान मालिकों की ढाल बनती है। सोनभद्र में खनन सिंडिकेट का जाल इतना गहरा है कि करोड़ों रुपये का अवैध खनन खुलेआम जारी है। यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं है बल्कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी और अवैध खनन सिंडिकेट का बड़ा संकेत है।