

ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में एक छात्रा की आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जांच में शिक्षकों द्वारा मानसिक प्रताड़ना के आरोप सामने आए हैं, जिसके चलते डीन और HOD समेत कई शिक्षक निलंबित किए जा चुके हैं।
ज्योति शर्मा (फाइल फोटो)
Greater Noida News: शारदा यूनिवर्सिटी में एक छात्रा द्वारा आत्महत्या करने का मामला अब गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी, जो आज अपनी जांच रिपोर्ट पुलिस के हवाले कर सकती है।
डीन और विभागाध्यक्ष भी निलंबित
इस मामले में शारदा यूनिवर्सिटी कमेटी ने कई पहलुओं की जांच की है। जिसमें पाया कि छात्रा ने शिक्षकों द्वारा मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के कारण आत्महत्या की। अब तक डीन, विभागाध्यक्ष (HOD) और अन्य कई शिक्षकों को निलंबित किया जा चुका है। छात्रा पर आरोप था कि उसे निरंतर मानसिक दबाव और प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उसने यह दर्दनाक कदम उठाया।
जेल में बंद दो प्रोफेसरों से पूछताछ
शारदा यूनिवर्सिटी कमेटी के सदस्य अब तक जेल में बंद दो प्रोफेसरों से भी पूछताछ करेंगे। ये दोनों प्रोफेसर पहले ही इस मामले में संलिप्त पाए गए थे और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। कमेटी के सदस्य इनसे अधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करेंगे, जिससे घटना के सभी पहलुओं को स्पष्ट किया जा सके।
SC की गठित कमेटी ने भी की जांच
इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी एक अलग कमेटी का गठन किया था, जिसने घटनास्थल से जुड़े गवाहों के बयान दर्ज किए थे। हालांकि, अब तक इस कमेटी की जांच का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है, लेकिन इसकी रिपोर्ट भी पुलिस के लिए एक अहम आधार हो सकती है।
कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार
नॉलेज पार्क पुलिस भी इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। पुलिस को विवि कमेटी की जांच रिपोर्ट का इंतजार है, जो आज पुलिस को सौंपे जाने की संभावना है। कमेटी की रिपोर्ट में छात्रा के साथ हुए कथित उत्पीड़न के बारे में विस्तृत जानकारी मिलने की उम्मीद है, जिससे पुलिस को मामले की जांच में और मदद मिल सके।
छात्रों और कर्मचारियों की नाराजगी
इस घटना के बाद शारदा यूनिवर्सिटी के छात्रों और कर्मचारियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय को इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए और दोषी शिक्षकों को सजा दिलवानी चाहिए।