

धर्मांतरण के गंभीर आरोपों में घिरे छांगुर बाबा का नेटवर्क केवल देश तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका दायरा अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है। चेन्नई, दुबई और लंदन को जोड़ता यह धर्मांतरण ट्राएंगल अब सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बना हुआ है। इस साजिश में नीतू उर्फ नसरीन और उसका पति नवीन रोहरा उर्फ जलालुद्दीन भी अहम भूमिका में हैं, जो पहले एक प्रेम कहानी के जरिए जुड़े, लेकिन बाद में धर्मांतरण के षड्यंत्र में लिप्त हो गए।
छांगुर के संपर्क में कैसे आई नीतू
Lucknow News: धर्मांतरण के नेटवर्क का दायरा भारत से निकलकर यूरोप तक जा पहुंचा है। छांगुर बाबा ने जिस नेटवर्क को खड़ा किया, वह चेन्नई से शुरू होकर लंदन और दुबई तक फैल गया। इन तीन शहरों के बीच उसका ट्राएंगल इतना मजबूत था कि इसे तोड़ने में सुरक्षा एजेंसियों को खासा पसीना बहाना पड़ रहा है।
पढ़ाई से लेकर दुबई तक का सफर
नीतू उर्फ नसरीन की शुरुआत तमिलनाडु से हुई, जहां उसने चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई की। बाद में वह लंदन की एक फर्म से जुड़ी और वहां से दुबई में नियुक्त हुई। इसी दौरान उसकी मुलाकात शिपिंग कंपनी में काम करने वाले नवीन रोहरा से हुई। दोनों सिंधी परिवार से थे, इसलिए पारिवारिक रजामंदी से शादी भी हो गई।
जब प्रेम कहानी बना अपराध का रास्ता
सबकुछ सही चल रहा था, लेकिन जल्द ही नवीन एक वित्तीय घोटाले में फंस गया और उस पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया। यहीं से दोनों की जिंदगी में मोड़ आया और उन्होंने धर्मांतरण की राह पकड़ ली। दुबई में ही नवीन का धर्मांतरण हुआ और फिर नीतू और छांगुर बाबा के कनेक्शन ने पूरे मामले को गंभीर बना दिया।
उतरौला में आकर बसी साजिश
नीतू, नवीन और छांगुर तीनों बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील में आकर बस गए, जो नेपाल सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है। यह इलाका धर्मांतरण नेटवर्क को फैलाने के लिए रणनीतिक रूप से बेहद उपयुक्त माना जा रहा है। पूर्व आईबी अधिकारी संतोष सिंह का कहना है कि यह महज संयोग नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश का हिस्सा है।
गजवा-ए-हिंद और मिशन आबाद से जुड़ती साजिश
पूर्व अधिकारी और सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस नेटवर्क की जड़ें "गजवा-ए-हिंद" और "मिशन आबाद" जैसी अवधारणाओं से जुड़ी हुई हैं। नेपाल सीमा पर चल रहे हालात और इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए मंगलवार को नेपाल-भारत गृह सचिव स्तरीय वार्ता भी हुई।
कई सवाल अभी अनुत्तरित
• कैसे मिली नीतू और छांगुर की पहली बार मुलाकात?
अब तक की जांच के अनुसार, इनकी मुलाकात मुंबई के हाजी अली दरगाह में हुई, लेकिन इसे जोड़ने वाला माध्यम अभी सामने नहीं आया है।
• दुबई छोड़ उतरौला क्यों आए?
दुबई में अच्छी नौकरी छोड़कर उतरौला आना सिर्फ धर्मांतरण के कारण बताया जा रहा है, लेकिन यह वजह अभी पर्याप्त नहीं मानी जा रही।
• नीतू की शिक्षा पर संदेह
जांच में दावा है कि नीतू सिर्फ 7वीं तक पढ़ी है, लेकिन उसकी फर्राटेदार अंग्रेज़ी और अंतरराष्ट्रीय कामकाज पर पकड़ इस दावे को झूठा साबित करती है।