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फतेहपुर बेरूई में लंबे समय से चली आ रही नाले जाम और जलभराव की समस्या का आखिरकार समाधान हो गया है। बीते 29 जुलाई को साहिल कुमार शर्मा ने ग्राम की जलभराव समस्या को लेकर खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) राहुल मिश्रा से फोन पर विस्तार से वार्ता की।
जलभराव की समस्या का हुआ समाधान
Fatehpur: फतेहपुर जिले के असोथर विकासखंड के ग्राम पंचायत बेरूई में लंबे समय से चली आ रही नाले जाम और जलभराव की समस्या का आखिरकार समाधान हो गया है। इस कार्य में भारतीय जनता पार्टी असोथर मंडल महामंत्री साहिल कुमार शर्मा की सक्रिय पहल और जनहित के प्रति उनकी संवेदनशीलता निर्णायक साबित हुई।
बीते 29 जुलाई को साहिल कुमार शर्मा ने ग्राम की जलभराव समस्या को लेकर खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) राहुल मिश्रा से फोन पर विस्तार से वार्ता की। उन्होंने बताया कि बारिश के दिनों में नालों के चोक हो जाने से पानी सड़कों और गलियों में भर जाता है, जिससे न केवल आवागमन प्रभावित होता है, बल्कि संक्रामक रोगों का भी खतरा बढ़ जाता है।
इसी दिन उन्होंने ग्राम विकास अधिकारी सचिन सिंह को औपचारिक पत्र भी सौंपा, जिसमें तत्काल सफाई कार्य शुरू करने की मांग की गई थी। मामले की गंभीरता को समझते हुए बीडीओ राहुल मिश्रा और ग्राम विकास अधिकारी सचिन सिंह ने तुरंत कार्यवाही के निर्देश जारी किए।
तीन दिनों में हुआ समाधान, ह़दरैइहा तालाब तक कराई गई सफाई
प्रशासन की तत्परता का असर यह हुआ कि महज तीन दिनों के भीतर 1 अगस्त तक गांव की प्रमुख नालियों की सफाई कर दी गई। ह़दरैइहा तालाब तक की निकासी लाइन को भी साफ किया गया, जिससे जलजमाव की समस्या पूरी तरह समाप्त हो गई।
जलभराव की समस्या के समाधान पर संतोष व्यक्त करते हुए भाजपा मंडल महामंत्री साहिल कुमार शर्मा ने कहा कि ग्राम की समस्या हमारी अपनी समस्या है। जनता हमारे लिए देवता के समान है। भारतीय जनता पार्टी का मूल संकल्प ही जनसेवा है और हम हर समय जनता की सेवा में तत्पर हैं। समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण ही सच्ची जनसेवा है।
ग्रामीणों ने की सराहना, जताया आभार
गांव के निवासी कुंवर जीतू सिंह, राजेंद्र लोधी, बृजलाल लोधी, ज्ञान पासवान, छैला, निर्मल सहित कई ग्रामीणों ने साहिल कुमार शर्मा की सक्रियता और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह समस्या वर्षों से बनी हुई थी, लेकिन अब पहली बार किसी जनप्रतिनिधि ने गंभीरता से पहल कर राहत दिलाई है।
ग्रामीणों का कहना है कि अब सड़कें साफ हो चुकी हैं, गंदगी समाप्त हुई है और गांव में सांस लेना भी पहले से आसान हो गया है।